दरअसल, ये पूरा वाक्या तब हुआ जब भाजपा सांसद उदयपुर से निकलकर अजमेर पहुंचे थे। पुलिस उन्हें यहां से जैसे-तैसे जयपुर भेजने की मान-मनव्वल कर रही थी और सांसद पुष्कर जाने पर अड़े हुए थे। इस गतिरोध के बीच जब सांसद किरोड़ी मीणा पैदल ही पुष्कर जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान सांसद ने अचानक से दौड़ लगाना शुरू कर दिया। इसे देखते हुए उन्हें घेरे में लिए पुलिस अफसरों और जवानों को भी दौड़ लगानी पड़ गई।
इससे पहले सांसद मीणा को पुलिस ने ब्यावर रोड स्थित कृषि उपज मंडी के बाहर रोक दिया था, जिसे लेकर सांसद ने गहरी नाराजगी जताई थी । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
मेरी दौड़ नहीं देखी, तो देख लो!
सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा को गुरुवार शाम करीब साढ़े 7 बजे पुलिस ने अपने घेरे में ले लिया था। ब्यावर रोड हाईवे पर पैदल चलने के कुछ देर बाद वो अपनी गाड़ी में बैठ गए। फिर कुछ देर बाद मीडिया से पूछते हुए कहा, 'क्या मेरी दौड़ देखी है? अगर नहीं देखी तो देख लो।' इसके बाद वो अपनी गाड़ी से उतरे और दौड़ लगाना शुरू कर दिया। मीणा के दौड़ लगाने के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी उनके पीछे दौड़ लगाने लग गए। आखिर में पुलिस ने उन्हें पकड़कर गाड़ी में बैठाया और जयपुर की तरफ ले गए।