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डॉक्टर्स की हड़ताल कर रही स्वाइन फ्लू की आग में घी का काम, मौत का आंकड़ा बढ़ कर हुआ 250 पार

locationजयपुरPublished: Dec 27, 2017 12:50:49 pm

Submitted by:

rajesh walia

स्वाइन फ्लू से जयपुर में महिला थाना साउथ में तैनात सिपाही की मौत, अब तक 250 से भी ज्यादा की प्रदेश भर में मौत, जयपुर में पचपन से ज्यादा ने तोड़ा दम

Policeman died in Jaipur due to Swine flu Doctors strike in Rajasthan
जयपुर। राजस्थान में इस बार स्वाइन फ्लू कहर बनकर टूट पड़ा हैं। लोगों में स्वाइन फ्लू को लेकर काफी खौफ मचा हुआ है। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस बीमारी ने अब तक लगभग 250 लोगों की जान ले चुकी हैं। जिससे सबसे ज्यादा मौते राजधानी जयपुर में हुई हैं। एक बार फिर स्वाइन फ्लू ने एक पुलिसकर्मी को अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं। सिपाही श्रवण मीणा को तीन दिन पहले ही दुर्गापुरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन इलाज के दौरान आज तड़के मीणा की मौत हो गई। मानसरोवर थाने के एसआई बजरंग लाल ने बताया कि श्रवण मीणा महिला थाना साउथ में जीप चालक थे। वे अपने परिवार के साथ मानसरोवर थाना परिसर में स्थित पुलिस क्वाटर्स में रहते थे। कुछ दिन से वे सर्दी खासी से बीमार चल रहे थे।
चौबीस दिसंबर को तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने दुर्गापुरा में स्थित एक अस्पताल में मीणा को भर्ती कराया। वहां जांच के दौरान स्वाईन फ्लू पॉजिटिव पाया गया। मीणा का इलाज जारी था लेकिन आज तड़के अचानक तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि इस बार स्वाईन फ्लू से प्रदेश भर में दो सौ पचास से भी ज्यादा मौतें हो चुकी है। इनमें से पचास से अधिक जयपुर शहर में हुई हैं।
डॉक्टर्स की हड़ताल से हालात और ज्यादा खराब –

गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर में सरकारी चिकित्सकों का एक बड़ा समूह हड़ताल पर चल रहा है। जबकि स्वाईन फ्लू और डेंगू अपने चरम पर है। स्वाईन फ्लू सरकारी अफसरों के साथ ही एसएमएस मेडिकल हॉस्टल के स्टॉफ तक को अपने काबू में ले चुका है। उसके बाद भी इसकी सही तरीके से रोकथाम नहीं की जा रही है। अस्पतालों के चिकित्सकर हड़ताल पर है। निजी अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के इलाज की पूरी दवाईयां मौजूद नहीं है।
ये सारी लापरवाही और डॉक्टर्स की हड़ताल स्वाइन फ्लू के कहर में आग में घी डालने का काम कर रही है। गौरतलब है कि डाक्टर्स की हड़ताल से अब तक प्रदेश के अस्पतालों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले अजमेर जिले में ही अब तक दर्जनों मरीजों की मौत हो चुकी है। लेकिन मरीजों की ऐसी हालत देखकर भी ना तो सरकार झुकने के लिए तैयार है और ना ही धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर्स।
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