कुछ दिन पहले हुआ था ट्रेप
गोगुंदा थाना थाने के पुलिसकर्मी मालीराम चौधरी को कुछ दिन पहले ही ट्रेप किया गया था। एसीबी को गाेगुंदा निवासी जीवन सिंह ने शिकायत दी थी कि गांव की भम्मा बाई और किरण सिंह के बीच जमीन विवाद के झगड़े में राजीनामे के लिए 15 हजार मालीराम ने मांगे थे। उसे चार हजार रुपए पहले दे दिए गए थे और बाकि रकम, ग्यारह हजार रुपए देते हुए ट्रेप कराया गया था। पिछले साल सितंबर में उसे ट्रेप किया गया था। उसका केस देख रहे एसीबी अफसर लगातार उसके मामले की जांच करते रहे तो उसकी आय से कहीं ज्यादा सम्पत्ति का वह मालिक निकला।
पांच गुना से ज्यादा सम्पत्ति निकली मालीराम के पास
एसीबी अफसरों ने बताया कि मालीराम साल 2001 में नौकरी पर चढ़ा था। वह सिपाही के पद पर नियुक्त हुआ था। उसने करीब 18 साल नौकरी की और इस दौरान सरकार ने उसने करीब 42 लाख रुपए वेतन पाया। लेकिन जब उसे ट्रेप किया गया और उसके बाद उसकी सम्पत्ति की जांच की गई तो यह सम्पत्ति ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की मिली। उसके खिलाफ आय से ज्यादा सम्पत्ति का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसीबी ने जांच में माना है कि मालीराम ने पद का दुरुपयाेग किया। उसने अनपढ़-गरीब लोगों काे डरा-धमकाकर खेत और भूखंडाें काे मामूली रकम देकर अपने विश्वासपात्र लोगों के नाम कराया। भूखंडाें के दस्तावेजाें की जांच के बाद मालीराम की उदयपुर और राजसमंद के करीब 20 गांवाें में नामी और बेनामी संपत्तियां हैं। इनमें सबसे ज्यादा भुवाणा क्षेत्र में मिली हैं। उदयपुर में न्यू केशव नगर स्थित मकान के निर्माण पर 30 लाख रु. खर्च किए गए। इसी मकान से कृषि भूमि और भूखंडाें के दस्तावेज मिले। जाे करीब 2.56 कराेड़ के हैं।