एसीबी के डर से भागे भागे फिर रहे पुलिसकर्मी,एक साल बाद भी पकड़ से दूर
जयपुरPublished: Dec 16, 2019 09:56:09 am
भीलवाड़ा में एसीबी की कार्रवाई के बाद फिर भूमिगत हुआ इंस्पेक्टर
जयपुर
एसीबी की कार्रवाई के बाद शनिवार को भीलवाड़ा में फिर एक पुलिस इंस्पेक्टर भूमिगत हो गया है। एसीबी के डर से इस तरह पुलिसकर्मियों के फरार होने का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। बल्कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई से बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने यह नया तरीका निकाल लिया हैं। प्रदेशभर में आपराधिक कुल 7 प्रकरणों में इस साल में कुल 12 पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी फरार हो गए हैं। एसीबी की ट्रेप की कार्रवाई के बाद फरार हुए यह पुलिसकर्मी एक साल से पुलिस की पकड़ से दूर हैं। जिन्हें एसीबी साल भर में नहीं पकड़ सकी हैं। हालांकि इनमें से एक आरपीएस अधिकारी करीब छह माह की फरारी काटने के बाद जरुर पकड़ में आया हैं। फरार होने वालों में आरपीएस से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं। जो करीब एक साल से पुलिस की पकड़ से दूर है। यह पुलिसकर्मी एसीबी की ओर से की गई भ्रष्टाचार की कार्रवाई के बाद से भागे भागे फिर रहे हैं।
कार्रवाई बाद फिर गायब हुआ इंस्पेक्टर
शनिवार को भीलवाड़ा में फिर एसीबी की कार्रवाई हुई। एसीबी ने प्रताननगर थाने के दाे पुलिसकर्मी को एक लाख रुपए की घूस लेते पकड़े है। जिसके बाद से यहां के थाना प्रभारी चैनाराम चौधरी भूमिगत हो गए है। एसीबी की कार्रवाई के बाद से थाना प्रभारी इंस्पेक्टर थाने पर ही नहीं आए। माना जा रहा है कि प्रदेश में एसीबी की कार्रवाई के बाद फरार हुए अन्य पुलिसकर्मियों की तरह चैनाराम पर भी एसीबी फरार होने का संदेह जता रही है। हालांकि एसीबी ने रिश्वत लेने वाले हैड कांस्टेबल सहीराम विश्नाेई व कांस्टेबल ओमप्रकाश चौधरी को पकड़ लिया हैं। लेकिन डीजीपी की बैठक में गए थाना प्रभारी चैनाराम गायब हो गए है। क्योकि जिस मामले मे ट्रेप की कार्रवाई की गई है उस मामले की जांच चैनाराम ही कर रहे हैं। एक साल में इस तरह की कार्रवाई के बाद गायब होने वाले चैनाराम 13 वें पुलिसकर्मी हैं।
जयपुर से फरार हुए आरपीएस अधिकारी ने छह कोटा में किया सरेंडर
जयपुर के झोटवाड़ा थाने में फरवरी में हुई एसीबी की कार्रवाई के बाद यहां से तत्काकालीन एसीपी आस मोहम्म्द भी फरार हो गए थे। तो करीब छह माह बाद पुलिस की पकड़ में आया। हालांकि आस मोहम्म्द को भी एसीबी नहीं पकड़ सकी। बल्कि फरार हुए आरपीएस आस मोहम्मद ने 23 अगस्त को कोटा एसीबी समक्ष समर्पण किया। जबकि इसी मामले में फरार चल रहे तत्कालीप झोटवाड़ा एसएचओ इंस्पेक्टर प्रदीप और उप निरीक्षक रामलाल अभी भी भागे भागे फिर रहे हैं।
अब तक यह फरार
15 दिसम्बर 2019 को एसीबी की कार्रवाई के बाद भीलवाड़ा प्रतापनगर एसएचओ चैनाराम चौधरी भूमिगत हो गए है। वहीं इससे पहले 30 मई को जयपुर ग्रामीण के मनोहरपुर थाने से एसआई रामसिंह,हैड कांस्टेबल रोहिताश और कांस्टेबल कानाराम फरार हो गए थे। बजरी ट्रक के चालक से 25 हजार की रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए होमगार्ड की गिरफ्तारी के बाद से ये लापता हैं। वहीं 17 मई को टोंक जिला पीपलू थाने से तत्कालीन एसएचओ विजेन्द्र सिंह गिल एसीबी की कार्रवाई के बाद से फरार है। वहीं सीबीआई जयपुर में तैनात रहे इंस्पेक्टर प्रकाश चंद सात मार्च से फरार हैं।इंस्पेक्टर प्रकाश चंद पर गृह निर्माण सहकारी समिति के खिलाफ दर्ज मामले में एक पदाधिकारी काे आरोपी बनाने के मामले में 90 लाख रुपए लेने का आरोप है। इसके अलावा 11 मई को तत्कालीन जोधपुर के बासनी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजय बोथरा और हैडकॉस्टेबल तेजाराम फरार हो गए थे। इसी तरह भरतपुर के रुपवास थाने से इंस्पेक्टर मुकेश बैरवा और सिपाही रिंकू मार्च 2018 में फरार हो गए थे।