हालांकि अभी इस पर कोई भी सीधे-सीधे बोलने से बच रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री और संगठन के स्तर पर कामकाम का आंकलन लगातार किया जा रहा है। इसमें मंत्री अपने प्रभार वाले क्षेत्र से लेकर अपने विस क्षेत्र व अन्य इलाकों में कितना सक्रिय रहा, इस पर फोकस किया जा रहा है। यही वजह है कि कई विधायक मंत्री पद को लेकर सक्रिय हो गए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे विधायक भी मंत्री बनने के लिए कतार में हैं।
निकाय चुनावों पर भी देना होगा ध्यान
जो विधायक मंत्री पद के दावेदार हैं, उनके लिए निकाय चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। पार्टी ने निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया तो इसका इनाम पार्टी बतौर मंत्री बनाकर देगी, यदि उम्मीद के मुताबिक पार्टी ने प्रदर्शन नहीं किया तो कई मंत्रियों पर गाज गिरना भी लाजिमी है।
बसपा से दो बन सकते हैं राज्य मंत्री! सितम्बर में बसपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि इसके बाद से ही लगातार यह चर्चा होती रही है कि बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है, लेकिन अब तक सभी विधायक इंतजार कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार में बसपा के दो विधायकों को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
अभी नियुक्तियों का मामला भी अटका
राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर लगातार कयासबाजी का दौर चल रहा है। 60 से अधिक नियुक्तियों को लेकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है। राज्य मंत्री के बराबर का ओहदा रखने वाली इन नियुक्तियों को लेकर राज्य के कांग्रेस नेता दिल्ली के दरबार तक हाजिरी लगा चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक सूची फाइनल हो जाएगी और दिसम्बर में नियुक्तियां हो जाएंगी।