देवरिया से कलराज मिश्र के परिजन और उनके रिश्तेदार भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगे। कलराज मिश्र भाजपा का बड़ा चेहरा रहें हैं, इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। मिश्र ने मई 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था, जिसके बाद उन्हें हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया था। वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे।
आइए आपको बताते हैं कि उनके लंबे राजनीतिक जीवन के बारे में
कलराज मिश्र का जन्म एक जुलाई 1941 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सैदपुर के मलिकपुर गांव में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की की शुरूआत गोरखपुर से 1963 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में की थी।
1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आपातकाल की घोषणा के दौरान वे 18 माह जेल में रहे। 1977 के चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनता पार्टी के चुनाव संयोजक बने। 1978 में कलराज मिश्र को राज्य सभा का सदस्य बनाया गया। 1980 में भाजपा के निर्माण के बाद भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। इसके अलावा 1986 में उत्तर प्रदेश परिषद सदस्य बनाए गए। 1991 तक यूपी भाजपा के महामंत्री संगठन रहे।
अयोध्या राम मंदिर कारसेवा आंदोलन से जुड़े रहे। वहीं 1991, 1993, 1995 व 2000 में भाजपा के चार बार प्रदेश अध्यक्ष रहे। 21 मार्च से 17 अगस्त 2000 तक यूपी सरकार में लोक निर्माण, पर्यटन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहे। 12 अप्रैल 2002 के उपचुनाव में निर्विरोध राज्य सभा सदस्य निर्वाचित हुए।
2003 में यूपी और 2004 में राजस्थान व दिल्ली के प्रभारी बने। इसके अलावा 2006 में राज्य सभा सदस्य निर्वाचित हुए, 2008 के लोकसभा चुनाव में यूपी के चुनाव प्रभारी रहे। 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 2014 में देवरिया लोकसभा सीट से सांसद बनकर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री बने।