scriptराजस्थान BJP में सियासी रार तेज: वसुंधरा ने शायरी से साधा निशाना… जिन पत्थरों को हमने दी थीं धड़कनें, वो आज हम पर बरस… | Political ruckus intensify in Rajasthan BJP: Vasundhara target Poonia | Patrika News

राजस्थान BJP में सियासी रार तेज: वसुंधरा ने शायरी से साधा निशाना… जिन पत्थरों को हमने दी थीं धड़कनें, वो आज हम पर बरस…

locationजयपुरPublished: May 17, 2022 01:35:09 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

आगामी 20 मई को जयपुर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की बैठक है और इसके पहले भाजपा में सियासी वार-पलटवार तेज हो गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद राजस्थान भाजपा में सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है। वसुंधरा ने कहा, जो आज उनकी खिलाफत कर रहे हैं, कभी वो ही उनकी भाजपा में लेकर आई थीं।

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भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद राजस्थान में सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है। मौका था, जयपुर में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की पुस्तक ‘धरती पुत्र’ का विमोचन। इस दौरान वसुंधरा ने अपने हमलों को धारदार और प्रभावी बनाने के लिए शेरो-शायरी का सहारा लिया। वसुंधरा राजे ने कहा- “जिन पत्थरों को हमने दी थी धड़कनें, उनको जुबान मिली थी तो हम पर ही बरस पड़े”। वसुंधरा राजे के साफ संदेश था कि जिन लोगों को वह राजनीति में लेकर आई हैं, आज वो उनकी ही खिलाफत कर रहे हैं। उससे वो आहत होने वाली नहीं हैं। राजे ने कहा कि भैरोंसिंह शेखावत कहा करते थे कि जिन लोगों के लिए आपने सबसे ज्यादा किया है, वक्त आने पर वहीं आपका साथ छोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 8 मार्च को अपने जन्मदिन पर गजेंद्र सिंह शेखावत और सतीश पूनिया का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साधा था। दोनों ही नेताओं ने वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम से दूरी बना ली थी।
मेघवाल बोले- प्रदेश को वसुंधरा की जरूरत

राजस्थान भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्हें दो बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। अपने कार्यकाल के दौरान भैरों सिंह शेखावत के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया। भैरों सिंह शेखावत हाथ पकड़कर राजस्थान की राजनीति में नहीं लाते तो वह सीएम नहीं बन पाती। भैरों सिंह शेखावत ने हमेशा सिखाने का काम किया। इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि राजस्थान आज भी वसुंधरा की तरफ देख रहा है। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि भैरों सिंह शेखावत अपने विरोधी की कही हुई सच्ची बात को भी स्वीकार करते थे। शेखावत जातिवादी नहीं थे, लेकिन राजपूत होने पर गर्व करते थे। कार्यक्रम में वसुंधरा समर्थक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सर्राफ, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत समेत बड़ी संख्या में पूर्व विधायक मौजूद रहे।
पीठ पीछे वार करने वालों से बहुत आहत होते थे भैरोंसिंंह

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत राजनीति में उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से कभी विचलित नहीं हुए, लेकिन उस वक्त वे बहुत आहत हुए थे जब वे क्लीवलैंड इलाज के लिए गये थे और पीछे से उनकी सरकार को गिराने की साज़िश रची गई। राजे यहां शेखावत के जीवन पर भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी बहादुर सिंह राठौड द्वारा लिखी गई एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि शेखावत कहते थे कि सेवा नीति पर चलने वाला व्यक्ति तकलीफ़ ज़रूर पा सकता है, लेकिन मात नहीं खा सकता। राजे ने शेखावत को याद करते हुए कहा कि शेखावत राजनीति में उतार-चढ़ाव और चुनौतियों से कभी विचलित नहीं हुए, लेकिन उस वक्त वे बहुत आहत हुए थे, जब वे क्लीवलैंड इलाज के लिए गये थे और पीछे से उनकी सरकार को गिराने की साज़िश रची गई थी। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार गिराने वाली ताकतें इसमें सफल नहीं हुई लेकिन भैरोंसिंह जी पीठ में छुरा घोपनें के प्रयास की इस घटना से बहुत आहत हुए थे। उन्होंने कहा कि इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल थे जिनकी उन्होंने खूब मदद की थी।
बाधाओं से तपकर व्यक्ति होता है मजबूत

राजे ने कहा कि शेखावत यह भी कहते थे कि राजनीति में जितनी बाधायें आती हैं, जितना कठिन समय आता है, व्यक्ति उतना ही तप कर मजबूत होता है। ऐसे दौर में ही अपने परायों की पहचान होती है। मुश्किलें जब आती हैं, तो सबसे पहले अधिकतर वे इंसान ही आपसे अलग होते हैं, जिनकी आपने सबसे अधिक मदद की हो। शेखावत उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल कोई भी हो शेखावत की स्थाई दुश्मनी किसी से नहीं रही, उनकी सब से मित्रता रही। हां, यदि विचारधारा की बात आती थी, तो चाहे कितनी ही मित्रता हो, भैरोंसिंह जी कभी समझौता नहीं करते थे।
राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर खींचतान जारी

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने वाले है, लेकिन मुख्यमंत्री चेहरे के लेकर खींचतान जारी है। वसुंधरा समर्थक सीएम फेस घोषित करने की मांग कर रहे हैं। जबकि वसुंधरा विरोधी धड़ा इसका विरोध कर रहा है। वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित नहीं करने पर पार्टी को नुकसान होगा। वसुंधरा के धुर विरोधी माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री का निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। वसुंधरा समर्थकों को यह बयान रास नहीं आया है। पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने पार्टी आलाकमान से वसुंधरा को सीएम फेस घोषित करने की मांग की। वहीं, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि वसुंधरा राजे को राजस्थान का राजनीति का मोह छोड़ देना चाहिए।
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