अगर केंद्र सरकार 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा नहीं करती है तो फिर राज्य की गहलोत सरकार सियासी फायदे के तौर पर अपने स्तर पर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीनेशन की घोषणा कर देगी। जानकारों की मानें तो इसके लिए सरकार ने रोडमैप भी तैयार कर लिया है।
इसका फैसला गुरुवार देर रात तक चली कैबिनेट की बैठक में भी हो चुका है जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज मुख्यमंत्री के समक्ष भी इस मांग को दोहराएंगे। फ्री वैक्सीनेशन की तैयारियों के संकेत राज्य की गहलोत सरकार के कई कैबिनेट मंत्री भी दे चुके हैं।
केंद्र पर दबाव की रणनीति
सूत्रों की माने तो राज्य की गहलोत सरकार पहले केंद्र पर इस बात को लेकर दबाव बनाएगी कि वह सभी राज्यों को फ्री वैक्सीनेशन उपलब्ध करवाएं। गहलोत सरकार 30 अप्रैल तक केंद्र पर फ्री वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने का दबाव बनाएगी और अगर उसके बाद भी केंद्र सरकार वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं कराती है तो फिर राज्य सरकार अपने स्तर फ्री वैक्सीनेशन का बड़ा फैसला ले सकती है।
इससे पहले भी गहलोत सरकार राज्य में निःशुल्क दवा योजना, निःशुल्क जांच योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना जैसी पहल कर चुकी है। ऐसे में निःशुल्क वैक्सीनेशन की घोषणा कर गहलोत सरकार इसका सियासी फायदा उठाना चाहती है।
गौरतलब है कि 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों लोगों का वैक्सीनेशन करवाने के लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीदने को कहा है। जिसके बाद से ही वैक्सीनेशन को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हैं। इधर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा कर चुके हैं। अब बारी गहलोत सरकार के फैसले की है।
मंत्री लगा चुके हैं केंद्र पर भेदभाव के आरोप
इधर राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ऑक्सीजन और दवाईयों की कमी को लेकर केन्द्र सरकार पर राजस्थान के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा चुके हैं। खाचरियावास का आरोप है कि गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन और दवाइयां दी जा रही है। राजस्थान को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन व दवाई नहीं मिल रही है। मामले लगातार बढ़ने के साथ अब प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी हो रही है।