सियासी संग्राम: 3 याचिकाएं बेनतीजा समाप्त, दो पर सुनवाई 13 तक टली
जयपुरPublished: Aug 04, 2020 08:06:42 pm
एसओजी में दर्ज एफआईआर को लेकर आई दो याचिकाओं पर करीब 24 मिनट सुनवाई के बाद इसी प्रकरण से जुड़ी दो अन्य याचिकाओं के साथ 13 अगस्त की तारीख दे दी गई। एसओजी से जुडे इस मामले में मंगलवार सुबह तब नया मोड आ गया
High court bench will determine interim fees
जयपुर। सत्ता के सियासी संग्राम से जुड़ी पांच याचिकाओं में तीन मंगलवार को पांच मिनट से भी कम सुनवाई के बाद बेनतीजा समाप्त हो गई, जबकि एसओजी में दर्ज एफआईआर को लेकर आई दो याचिकाओं पर करीब 24 मिनट सुनवाई के बाद इसी प्रकरण से जुड़ी दो अन्य याचिकाओं के साथ 13 अगस्त की तारीख दे दी गई। एसओजी से जुडे इस मामले में मंगलवार सुबह तब नया मोड आ गया, जब एसओजी ने स्वयं ही राजद्रोह का मामला नहीं बनना मानते हुए एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजने का प्रार्थना पत्र अधीनस्थ न्यायालय में पेश कर दिया।
जो तीन जनहित याचिकाएं निस्तारित हुईं, उनमें से दो विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल और मंत्रिमंडल के बीच टकराव से संबंधित थी और एक होटलों में ठहरे विधायकों के वेतन भत्ते रोकने की मांग से जुडी थी। इन याचिकाओं पर मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहान्ती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की। वहीं सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ एसओजी में दर्ज एफआईआर से जुडे मामले में न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने सुनवाई की।
याचिका वापस
अधिवक्ता एस के सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका में विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल और राज्य मंत्रिमंडल के बीच गति रोध की परिस्थिति का हवाला देकर सत्र की तारीख तय करवाने की प्रार्थना की गई थी। अधिवक्ता सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट से मंगलवार को कहा कि सत्र की तारीख तय हो चुकी है, इस पर कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
याचिका खारिज
वहीं सत्र को लेकर गति रोध के चलते राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली अधिवक्ता शांतनु पारीक की जनहित याचिका को कोर्ट ने सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया।
मामला उचित मंच पर उठाओ
बाडाबंदी के तहत विधायकों के वेतन भत्ते रोकने की गुहार करने वाली विवेक सिंह जादौन की जनहित याचिका पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला कोर्ट के क्षेत्राधिकार का नहीं है, इसलिए दखल नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता को उचित मंच में अभ्यावेदन देने की अनुम ति देते हुए कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया।