स्कूल भुगतेंगे काले रंग का खर्चा
विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि पिछले वर्षों की शेष रही सभी आॅरेंज कलर की साइकिलों पर काला रंग करवाकर सभी साइकिलों को एक महीने में वितरित किया जाए। आॅरेन्ज कलर की साइकिलों पर काले रंग का भुगतान संबंधित विद्यालय द्वारा विद्यालय के छात्र निधि कोष या विद्यालय विकास कोष से किया जाएगा।
वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने छात्र निधि कोष या विद्यालय विकास कोष से साइकिलों का रंग बदलवाने के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि छात्र निधि कोष का पैसा छात्रहित में आवश्यक व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने इस आदेश की निंदा की है।
विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि पिछले वर्षों की शेष रही सभी आॅरेंज कलर की साइकिलों पर काला रंग करवाकर सभी साइकिलों को एक महीने में वितरित किया जाए। आॅरेन्ज कलर की साइकिलों पर काले रंग का भुगतान संबंधित विद्यालय द्वारा विद्यालय के छात्र निधि कोष या विद्यालय विकास कोष से किया जाएगा।
वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने छात्र निधि कोष या विद्यालय विकास कोष से साइकिलों का रंग बदलवाने के आदेश को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि छात्र निधि कोष का पैसा छात्रहित में आवश्यक व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने इस आदेश की निंदा की है।
पिछले साल बच गई थीं साइकिलें
पिछले सत्र की 2323 साइकिलें बच गई हैं, जो भगवा रंग की हैं, अब विभाग इन पर काला रंग करवाकर इन्हें बेटियों को देगा। शिक्षा विभाग के वित्तीय सलाहकार ने इस संबंध में सभी संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं।
पिछले सत्र की 2323 साइकिलें बच गई हैं, जो भगवा रंग की हैं, अब विभाग इन पर काला रंग करवाकर इन्हें बेटियों को देगा। शिक्षा विभाग के वित्तीय सलाहकार ने इस संबंध में सभी संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं।
शाला दर्पण से होगी साइकिलों की मांग
आगामी वर्षों में साइकिलों की मांग शाला दर्पण के माध्यम से ही की जाएगी। इससे साइकिलों की वास्तविक संख्या प्राप्त हो सकेगी। इसके बाद भी यदि साइकिलें बचती हैं तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी की होगी।
आगामी वर्षों में साइकिलों की मांग शाला दर्पण के माध्यम से ही की जाएगी। इससे साइकिलों की वास्तविक संख्या प्राप्त हो सकेगी। इसके बाद भी यदि साइकिलें बचती हैं तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी की होगी।
यहां बची साइकिलें
अलवर में 55, जयपुर में 205, दौसा में 41, सिरोही 63, जालोर 46, बांसवाड़ा 182, चित्तौड़गढ़ में 61, डूंगरपुर 119, राजसमंद 28, उदयपुर 80, बीकानेर 52, गंगानगर 211, हनुमानगढ़ 23, कोटा 71, बारां 10, झालावाड़ 31, चूरू 132, सीकर 113, झुनझूनु 73, जोधपुर 182, बाड़मेर 3, जैसलमेर 8, भरपुर 89, धौलपुर 97, करौली 100, सवाईमाधोपुर 10, भीलवाड़ा 11, अजमेर 52, टोंक 51 और नागौर 124 साइकिलें आॅरेंज कलर की बच गईं।
अलवर में 55, जयपुर में 205, दौसा में 41, सिरोही 63, जालोर 46, बांसवाड़ा 182, चित्तौड़गढ़ में 61, डूंगरपुर 119, राजसमंद 28, उदयपुर 80, बीकानेर 52, गंगानगर 211, हनुमानगढ़ 23, कोटा 71, बारां 10, झालावाड़ 31, चूरू 132, सीकर 113, झुनझूनु 73, जोधपुर 182, बाड़मेर 3, जैसलमेर 8, भरपुर 89, धौलपुर 97, करौली 100, सवाईमाधोपुर 10, भीलवाड़ा 11, अजमेर 52, टोंक 51 और नागौर 124 साइकिलें आॅरेंज कलर की बच गईं।