पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार राजस्थान में इस कदर तुष्टिकरण कर रही है, जिसमें बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दंगा, उपद्रव होने के बाद खुद की सरकार की विफलताओं को छिपाने, कांग्रेस की जाति-धर्म की राजनीति से ध्यान भटकाने के लिये प्रेस कांफ्रेंस करते हैं, जिसमें वह झूठ का पुलिंदा परोसते हैं, भाजपा व केन्द्र सरकार पर झूठे आरोप लगाकर इतिश्री कर लेते हैं, जो उनकी आदत बन चुकी है। यह बात मीडिया भी अच्छे तरह से जान चुका है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को संभालने, आमजन, बहन-बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने में पूरी तरह विफल अशोक गहलोत सिर्फ रटी-रटाई बातें बोलते हैं, जो उनको दिल्ली दरबार में गांधी परिवार को खुश करने व अपनी कुर्सी बचाने के लिये कहना पड़ता है।
पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के शासन में ना बहुसंख्यक हिन्दु सुरक्षित हैं, ना बहन-बेटियां, ना सरकारी कर्मचारी। प्रदेश की कानून व्यवस्था के इतने बुरे हालात हैं कि जमीनी स्थिति देखें तो अशोक गहलोत ने विधायकों को खुली छूट दे रखी है, अपने-अपने क्षेत्रों में जो करना मनमर्जी करिये, पुलिस-प्रशासन को लाचार कर रखा है, कांग्रेस सरकार में इनके विधायकों द्वारा अपने क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन पर दवाब बनाकर मनमर्जी, तानाशाही चल रही है।