चेरनोबिल त्रासदी का भय
‘चेरनोबिल’ त्रासदी एक न्यूक्लियर (नाभिकीय) दुर्घटना थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और जो बच गए थे वे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो गए थे। यह त्रासदी 26 अप्रेल, 1986 में उत्तरी यूक्रेन के प्रिपयात शहर में स्थित चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के चार नम्बर न्यूक्लियर रिएक्टर पर हुई थी। इस प्लांट से रिसने वाला न्यूक्यिलर एक्सप्लोजन वहां के लोगों लिए जानलेवा साबित हुआ था। अब कुछ ऐसा ही हाल मेक्सिको के लोगों का हो रहा है। जेलिस्को प्रांत के गुआडालाजारा के निवासी एनरिक एनसिओ ने सरकार को चेताया है कि यह धीरे-धीरे ‘चेरनोबिल’ त्रासदी का रूप लेती जा रही है। समय रहते इसे रोकना होगा वरना परिणाम भयंकर हो सकते हैं। माना जाता है कि आज भी इस त्रासदी के घाव हरे हैं। यह इतिहास में एक काला दिन माना जाता है।
सरकार के प्रयास विफल मे क्सको की सरकार इस त्रासदी को रोकने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार बीते 15 सालों से सेंटियागो नदी को साफ करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। अब मेक्सिको ने यूनाईटेड स्टेट्स और कनाडा के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महंगी डील साइन की है। इस डील को यूएस कांग्रेस का अप्रूवल भी मिल गया है। इस डील के तहत उन बड़े उद्योगों पर लगाम कसी जाएगी जो गैरकानूनी ढंग से नदी में अपना वेस्ट बहाते हैं। इसकी भी जांच की जाएगी कि अब तक इन कंपनियों को ऐसा करने से क्यों नहीं रोका गया?