शहर में चिंता बढ़ाएगा दीपावली के बाद प्रदूषण,इस बार का प्रदूषण कही लगवा ना दे पटाखों पर रोक!
जयपुरPublished: Oct 27, 2019 05:48:30 am
गत दो साल से पटाखे कर रहे जयपुर की एयर क्वालिटी खराब,पटाखों से और वाहनों की धुंए से बढ़ेगा रहा शहर का प्रदूषण सकती हैं
Pollution after Diwali will increase concern in the city
जयपुर
दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर दीवाली पर भी जयपुर शहर की आबोहवा खराब हो रही है। यही कारण है कि दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण पटाखे जलाने पर रोक लगा दी गई हैं। अगर गत दो सालों की तरह दीवाली के बाद जयपुर की आबोहवा भी इसी तरह से खराब हुई तो जयपुर में भी पटाखे जलाने पर रोक लग सकती है। क्योकि दिल्ली में हुए प्रदूषण जितना स्तर तो दो साल पहले ही जयपुर पार कर चुका हैं। गत साल भी शहर में प्रदूषण का ग्राफ दीवाली बाद दोगुणा तक पहुंच गया था। वहीं खतरे के स्तर को पार कर गया था। इस बार भी शहर में पटाखों की बिक्री उसी तरह हो रही है और शहर में पटाखों की दुकान भी उसी मात्रा में प्रशासन ने लाइसेंस देकर खुलवाई हैं। वहीं त्यौहारी सीजन में शहर का ट्रैफिक भी बढ़ रहा है जिस कारण से शहर की आबोहवा खराब होना तय हैं।
गत वर्ष सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गया प्रदूषण
गत साल के दीपावली के बाद के आंकड़े चिंताजनक
जयपुर शहर में 2018 को दीपावली के बाद प्रदूषण स्तर सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया था। प्रदूषण विभाग से मिले आंकड़ों की बात की जाए तो दीपावली के तीन दिन पहले जयपुर में पीएम-10 व पीएम-2.5 की मात्रा का लेवल मध्यम था जो दीपावली के अगले दिन चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया था। जयपुर शहर में तीन जगह ऑटोमेटिक पॉल्यूशन स्टेशन है। जिनसे शहर में बढ़ने वाले प्रदूषण की मॉनिटरिंग होती हैं। अगर गत दो सालों की तरह प्रदूषण बढ़ता रहा तो इस साल भी हाल खराब होना तय है। अभी प्रदूषण का स्तर शहर में ज्यादा नहीं बढ़ा हैं। लेकिन यह दीपावली बाद खराब स्तर पर पहुंचना तय हैं। दीवाली पर जलने वाले पटाखों के धुएं से और वाहनों के धुंए से एयर क्वालिटी खराब होती हैं।
गत साल के आंकड़े चिंताजनक
गत साल 7 नवम्बर को जयपुर में दीपावली मनाई गई थी। गत साल के दीपावली के प्रदूषण विभाग से मिले आंकड़ों की बात की जाए तो शहर का प्रदूषण से हाल खराब हो गया था। जिसके बाद प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया था। शहर में दीपावली से एक दिन पहले प्रदूषण के स्तर की जांच की गई थी। जिसमें दीपावली से एक दिन पहले आदर्श नगर में पीएम-10 की मात्रा 135 दर्ज की गई थी जो दीपावली बाद 283 तक पहुंच गई थी। वहीं पीएम-2.5 की मात्रा दीपावली से एक दिन पहले 100 थी जो दीपावली के बाद 170 पर जा पहुंची थी। वहीं पुलिस कमिश्नर पर लगे पॉल्यूशन स्टेशन पर दीवाली से पहले पीएम-10 का स्तर 145 था जो दीवाली के प्रदूषण के बाद 198 जा पहुचा था। पीएम-2.5 की मात्रा यहां दीवाली को 217 से बढ़कर 275 तक जा पहुंचा था। तो शास्त्री नगर स्टेशन पर छह नवम्बर 2018 को पीएम-10 का स्तर 70 था जो सात नवम्बर को दीवाली की आतिशबाजी के बाद ढ़ाई गुणा तक होकर 164 हो गया था। इसी तरह पीएम-2.5 का लेवल 86 से बढ़कर 165 हो गया था। पटाखों और वाहनों का दबाव बढ़ने से हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड व कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स
एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार पीएम का मानक 0-50 अच्छा होने पर अच्छा,-50-100 पर सामान्य,101-200 पर खराब,201-300 चिंताजनक और 301-400 खतरनाक स्थिति में होता है। जयपुर में गत वर्ष के आंकड़ों के अनुसार जयपुर में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति के करीब आ गया था। वहीं दिल्ली में भी 2018 में केंद्र एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने समग्र एक्यूआई 319 दर्ज किया जो ‘बेहद खराब की श्रेणी में आता है तो वहा पर पटाखे जलाने पर रोक गला दी गई थी। जयपुर में भी स्तर 300 को पार किया तो यहां भी हालत खराब होंंगे। क्योकि जयपुर में 2017 में ही प्रदूषण का स्तर 343 एक्यूआई के स्तर पर दीपावली के बाद पहुंच गया था।
प्रशासन ने किया यह उपाय
दीपावली के अवसर पर ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल 27 अक्टूबर तक ध्वनि अनुश्रवण एव वायु में प्रदूषण स्तर की जांच कर रही है। प्रदूषण मण्डल द्वारा वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए जयपुर, में वायु परिवीक्षा भी की जाएगी। वहीं शहर में वायु में मौजूद खतरनाक तत्वों की जांच होगी। शहर में पीएम 2.5 मॉनिटर, यूवी विजिबल स्पेक्ट्रोमर्स, आईसीपी एमएस मशीनों के लिए मॉनिटरिंग होगी। इससे हवा में पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5, 10 सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड के साथ साथ पर्यावरण के साथ साथ इंसानों के नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक तत्व लेड, बैरियम, आयरन, स्ट्रोनियम की मात्रा भी पता चलेगी।