पॉलीक्लीनिक के डॉक्टर ने किया डायाफ्रामिक हर्निया का ऑपरेशन
जयपुरPublished: Apr 17, 2021 02:39:02 pm
पहली बार दुर्लभ पशु शल्यचिकित्सा
गर्भवती देसी गाय को बचाने में मिली सफलता
डॉ. मयंक लाम्बा ने किया ऑपरेशन
पॉलीक्लीनिक के डॉक्टर ने किया डायाफ्रामिक हर्निया का ऑपरेशन
जयपुर, 17 अप्रेल
पांच बत्ती स्थित पॉलीक्लीनिक (Polyclinic) के डॉक्टर (Doctor) ने पहली बार एक ऑपरेशन के जरिए पांच माह की एक गर्भवती देसी गाय को बचाने में सफलता हासिल की है। राज्य में पहली बार किसी देसी गाय का डायाफ्रामिक हर्निया (Diaphragmatic hernia) का ऑपरेशन किया गया जो सफल रहा है। इस ऑपरेशन को किया है पॉलीक्लीनिक में कार्यरत डॉ. मयंक लाम्बा (Dr.Mayank Lamba) ने जिसमें उनकी मदद की पशुधन परिचर नेत्र बहादुर थापा ने। तकरीबन पांच घंटे तक चले इस ऑपरेशन में डॉ. लाम्बा ने न केवल गाय को बल्कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने में सफलता हासिल की है। डॉ.मयंक ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक डॉ. उम्मेद सिंह और पॉलीक्लीनिक के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.जितेंद्र राजोरिया के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन किया गया।
उन्होंने बताया कि डायाफ्रेगमेटिक हर्निया विशेष रूप से उत्तर भारत में जानवरों का एक गंभीर पाचन विकार है। इस रोग से पशुओं के शरीर में स्थित एक मुख्य अंग डायाफ्राम के मस्कुलर टेंडिनस जंक्शन पर टूटने से पेट के कुछ हिस्से छाती में जाकर पशु के ह्रदय की क्रिया प्रणाली व श्वसन क्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। इस रोग से आमतौर पर अधिकतर पशुओं की मृत्यु हो जाती है। इस ऑपरेशन से मृत्यु दर पहले काफी अधिक होती है।
कैसे किया ऑपरेशन
डॉ. मयंक के मुताबिक डायाफ्रेगमेटिक हर्निया का ट्रीटमेंट एक लंबा और जटिल आपरेशन प्रोसेस है। रूमिनेंट्स में एनेस्थीसिया चुनौती पूर्ण होता है। इसऑपरेशन से पहले पशु रूमिनेंट्स किया गया। उसके 48 घंटे बाद उसका ऑपरेशन हुआ। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी के दौरान और बाद में भी पशु के बचने की संभावना कम होती है लेकिन पॉलीक्लीनिक में हुए ऑपरेशन के बाद पशु स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि रूमिनेंट्स की प्रक्रिया के दौरान देसी गाय के पेट से बड़ी मात्रा में पॉलिथिन भी निकली।