पूनिया ने कहा कि केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों को कोसने से पहले प्रदेश सरकार अपनी आर्थिक नीतियों की समीक्षा कर लें, जिसकी वजह से अब तक किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी नहीं हुई, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला, प्रदेश में विकास के काम ठप्प हैं, क्योंकि ठेकेदारों को भुगतान नहीं हो रहा, यहां तक की सरकारी कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिल रहा। सरकारी राजस्व को बढऩे के लिए लोगों पर अप्रत्यक्ष कर थोपे जा रहे है।
पूनिया ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण व्यक्ति की सुरक्षा कम या ज्यादा करने का फैसला हर वर्ष सुरक्षा एंजेसियों से प्राप्त रिपोर्ट पर होता है। इसको लेकर कांग्रेस का रूख राजनीति से प्रेरित है। कांग्रेस के लोगों धरना-प्रदर्शन करने से पहले यह बताना चाहिए कि सोनिया गांधी (
Sonia Gandhi ), राहुल गांधी (
Rahul Gandhi ), प्रियंका वाड्रा (
Priyanka Vadra ) देश में किस संवैधानिक पद पर हैं। जिसकी वजह से उनको देश की वो सुरक्षा कवर मिलनी चाहिए, जो प्रधानमंत्री को मिलती है।
साथ ही उनको यह भी खुलासा करना चाहिए कि उनकी जान को किससे खतरा है। देश में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (
Pranab Mukherjee ), पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, डॉ. मनमोहन सिंह (
Manmohan Singh ), पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जैसे कई ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, जो बड़े संवैधानिक पदों पर रहे है। पर उन्हें भी एसपीजी सुरक्षा कवर नहीं मिला हुआ है।
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय चहेतों को मन-माफिक ऋण देकर बैंकों को बर्बाद करने का काम कांग्रेस ने किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बड़े नेताओं की मेहरबानी से कई अमीर बैंकों का पैसा डकार गए, बैंक गहरे एनपीए में डूब गए, मोदी सरकार ने आर्थिक भगौड़ा अपराध कानून बनाकर इन लोगों से पैसे की वसूली शुरू की है, जो कि कांग्रेस के आलाकमान को बर्दाश्त नहीं है और इससे असहज होकर बौखलाए हुए हैं।