पूनियां ने कहा कि पूरा देश और प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस लड़ाई में प्रदेश भाजपा राज्य सरकार का हरसंभव सहयोग कर रही है। कोरोना इस जंग में चिकित्सा कर्मी, पुलिसकर्मी शिद्दत से काम कर रहे हैं। उन पर हमले की कुछ घटनाएं हुई हैं। सरकार को बहुत ही सख्त तरीके ऐसी घटनाओं से निपटना चाहिए। तत्काल संदिग्ध लोगों की पहचान करके उन लोगों को क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन में भेजने के साथ ही अन्य आवश्यक प्रयास करें। एपीसेंटर्स में प्रॉपर स्क्रीनिंग होनी चाहिए, ताकि प्रदेश को इस महामारी से बचाया जा सके। प्रदेश में तेजी से हालात बदले हैं, ऐसे में पंथ और मजहब से ऊपर उठकर कोरोना महामारी से लड़ना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति किसी किस्म की खिलवाड़ नहीं करें।
मुलाकात के दौरान प्रदेशवासियों के बिजली और पानी के तीन माह के बिल माफ करने या आगामी समय में अलग-अलग किस्तों में समायोजन करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने यह कहा कि उद्यमों के लिए लाइसेंस जो 31 मार्च को एक्सपायर हो गए हैं, उन लाइसेंसों की वैधता तीन माह के लिए बढ़ाएं। ताकि उनका रिन्यूअल हो सके। इसके अतिरिक्त गौशालाओं में चारे की कमी न हो यह भी मांग भी रखी।
मुख्य सचिव ने इन सभी मांगों को लेकर आश्वस्त किया कि इन्हें शीघ्र पूरा करेंगे। पूनिया ने मुख्य सचिव से को आश्वस्त किया कि भाजपा का संगठन बूथ से लेकर जिला स्तर तक सरकार और जनता के साथ खड़ा है। भाजपा प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिल कर बहुत सारी बातें उनके संज्ञान में ला चुका है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर अमलीजामा पहना चुकी है।
मुलाकात के बाद पूनिया ने बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि लोगों को राशन की बड़ी किल्लत है, राशन की कमी को लेकर कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए यह सुनिश्चित किया जाए। घुमंतू, विस्थापित, किसान आदि की अपनी समस्याएं हैं इसलिए इन्हें ठीक तरीके से डील किया जाए। फसलें पककर तैयार है। किसान के खेत में मजदूर और मशीनों को पहुंचने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए तथा जो फसल आ गई है, उसे न्यूनतम मूल्य पर खरीद के लिए तुरंत ऑनलाइन खरीद प्रारंभ की जाएं। उन्होंने पाक विस्थापितों के छह हजार परिवारों को, जो वर्तमान में किसी भी योजना के अंतर्गत लाभान्वित नहीं है, को बीपीएल की सारी सुविधाएं देने की मांग की है।