डॉ. पूनियां ने विदेश मंत्री को पत्र में लिखा कि, यूक्रेन में बड़ी संख्या में राजस्थानी विद्यार्थी मेडिकल व अन्य संस्थानों में अध्ययनरत हैं। अभी वहां उत्पन्न हालातों के कारण विद्यार्थियों में आशंका का माहौल है, वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पहले भी करवाई थी सकुशल वापसी
पूनिया ने कहा कि यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों की सकुशल वापसी के लिये सार्थक पहल प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि विगत कोरोनाकाल में भी मोदी सरकार ने वन्दे भारत मिशन के अंतर्गत प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थियों की हमारे आग्रह पर सकुशल वापसी करवाई थी। इसी तरह इस बार भी यूक्रेन में रह रहे प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थियों की राजस्थान में सकुशल वापसी करवाएं
पूनिया ने कहा कि यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों की सकुशल वापसी के लिये सार्थक पहल प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि विगत कोरोनाकाल में भी मोदी सरकार ने वन्दे भारत मिशन के अंतर्गत प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थियों की हमारे आग्रह पर सकुशल वापसी करवाई थी। इसी तरह इस बार भी यूक्रेन में रह रहे प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थियों की राजस्थान में सकुशल वापसी करवाएं
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बाद से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच राजस्थान के करीब 450 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की पुष्टि हुई है। इनमें विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र, व्यवसाई और अन्य पेशेवर लोग शामिल हैं। ये सभी विभिन्न माध्यमों से केंद्र के साथ ही राज्य सरकार से सुरक्षित बाहर निकाले जाने की गुहार कर रहे हैं। गहलोत सरकार इस मसले पर अब 2 मार्च को विधानसभा में अपना जवाब पेश करेगी। भाजपा विधायक पुष्पेंद्र और बिहारी लाल ने इस मसले को अलग-अलग उठाते हुए राज्य सरकार की ओर से किये गए प्रयासों के बारे में जानना चाहा। हालांकि इसपर स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए इस विषय पर सरकार के जवाब के लिए 2 मार्च की व्यवस्था दे दी।