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प्रदेश के नामी निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा पा सकेंगे ढाई लाख सालाना आय वालों के बच्चे, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

locationजयपुरPublished: May 16, 2020 08:25:59 am

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dinesh

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) एक्ट ( RTE ACT ) के तहत प्रदेश के गैर सरकारी विद्यालयों में 25% सीटों पर निशुल्क प्रवेश के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 1 लाख रूपए के स्थान पर ढाई लाख रूपय करने को मंजूरी दी है…

ashok gehlot

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) एक्ट ( RTE ACT ) के तहत प्रदेश के गैर सरकारी विद्यालयों में 25% सीटों पर निशुल्क प्रवेश के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 1 लाख रूपए के स्थान पर ढाई लाख रूपय करने को मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से अब बड़ी संख्या में इस वर्ग के वे बच्चे भी नामी निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा पा सकेंगे जो पिछली सरकार की ओर से अभिभावकों की आय सीमा ढाई लाख रूपय सालाना से घटाकर 1 लाख रूपए करने के कारण वंचित हो गई थे। शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasara ) ने कहा कि मुख्यमंत्री से वीसी में इस प्रकार चर्चा की थी जिस पर उन्होंने सैद्धांतिक सहमति दी थी। अगले हफ्ते आरटीई ऐडमिशन का कैलेंडर जारी कर देंगे।
अगले हफ्ते जारी होगा एडमिशन का कैलेंडर (Admission calendar will be released next week )
— 38 हजार स्कूल पंजीकृत है आरटीई पोर्टल पर सीबीएसई, आरबीएसई के
— 1.95 लाख एडमिशन हुए थे पिछले साल
— 2.50 लाख का दायरा बढ़ने से 3 गुना आवेदन आने की उम्मीद
— 17 मई के बाद एडमिशन का नोटिफिकेशन निकाला जा सकता है
— 2017 में भाजपा सरकार ने इसकी सीमा एक लाख तक कर दी थी

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राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर क्वारेंटाइन अनिवार्य नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन ( Lockdown ) की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों ( Migrants ) और श्रमिकों ( Workers ) को संबल देने के लिए क्वारेंटीन शिविरों ( Quarantine Camp ) में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके। ग्राम स्तरीय क्वारेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुंचाया जाए। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वारेंटीन अनिवार्य नहीं होगा।
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