scriptमंत्री स्वालेह मोहम्मद के ‘घर’ में शिक्षा का अंधेरा : जैसलमेर के मदरसों में किताबों का वितरण शून्य, उर्दू की किताबों का प्रदेशभर में टोटा | Poor Condition Madrsas In Jaisalmer: Shortage Urdu Books In Rajasthan | Patrika News

मंत्री स्वालेह मोहम्मद के ‘घर’ में शिक्षा का अंधेरा : जैसलमेर के मदरसों में किताबों का वितरण शून्य, उर्दू की किताबों का प्रदेशभर में टोटा

locationजयपुरPublished: Aug 14, 2022 09:38:33 pm

Submitted by:

abdul bari

मंत्री के गृह जिले के मदरसों के इन हालातों ने ‘दिया तले अंधेरा’ की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। मदरसा बोर्ड और पाठ्यपुस्तक मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार जैसलमेर से मदरसों में 25,139 किताबों की डिमांड की गई। जबकि वितरण संख्या चार माह बाद भी शून्य है।

मंत्री स्वालेह मोहम्मद के 'घर' में शिक्षा का अंधेरा : जैसलमेर के मदरसों में किताबों का वितरण शून्य, उर्दू की किताबों का प्रदेशभर में टोटा

मंत्री स्वालेह मोहम्मद के ‘घर’ में शिक्षा का अंधेरा : जैसलमेर के मदरसों में किताबों का वितरण शून्य, उर्दू की किताबों का प्रदेशभर में टोटा

जयपुर. सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों में किताबों के वितरण मामले में प्रदेशभर में सबसे पिछड़ा जिला स्वंय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री स्वालेह मोहम्मद का गृह जिला साबित हो रहा है। यहां अब तक किताबों की वितरण संख्या शून्य बनी हुई है। जैसलमेर जिले में करीब 160 पंजीकृत मदरसे हैं। जहां सैकड़ों की संख्या में बच्चे तालीम हासिल करते हैं।
मंत्री के गृह जिले जैसलमेर के मदरसों के इन हालातों ने ‘दिया तले अंधेरा’ की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। मदरसा बोर्ड और पाठ्यपुस्तक मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार जैसलमेर से मदरसों में 25,139 किताबों की डिमांड की गई। जबकि वितरण संख्या चार माह बाद भी शून्य है।
इधर, अधिकारी आए हरकत में
मदरसों में किताबों के वितरण में हो रही लापरवाही को लेकर पत्रिका में 30 जुलाई 2022 को ’13 जिलों के मदरसों में नहीं पहुंची किताबें’ शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल और मदरसा बोर्ड दोनों हरकत में आए हैं और किताबों के वितरण में तेजी आई है। हालांकि अब भी लगभग सभी मदरसों में उर्दू की किताबों की किल्लत बनी हुई है।
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी ने बताया कि मदरसों के अलावा सरकारी स्कूलों भी उर्दू की किताबों का टोटा बना हुआ है। डूंगरपुर के राजकीय महरावल उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि 12 उर्दू की किताब अब तक नहीं आई है। पिछले साल भी इस स्कूल के विद्यार्थियों को उर्दू की किताब से महरूम रहना पड़ा था। गौरतलब है कि पत्रिका की इस खबर पर राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग भी संज्ञान ले चुका है।

ये बोले जिम्मेदार…

डिमांड समय पर नहीं मिलने के कारण किताब वितरण में देरी हुई। प्रदेशभर के मदरसों में करीब 50 प्रतिशत किताबें बंट चुकी हैं। बाकी किताबें भी जल्द भेजी जा रही हैं। उर्दू की किताबें भी दो से तीन दिनों में उपलब्ध करा दी जाएंगी।

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