विभागीय उदासीनता के चलते क्षेत्र की पडियाल ग्राम पंचायत के पटवार भवन व ग्रामसेवक कार्यालयों पिछले कई वर्षों से ताला लगा है। पटवार भवन में पटवारी व ग्राम सेवक कार्यालय में ग्रामसचिव का नहीं रहने पर इनकी जरूरत पडऩे पर ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा रहा है।
बेटी ने एेसा क्या कर दिया जिससे मां-बाप को उठाना पड़ा ये खतरनाक कदम!किसानों ने बताया कि जमाबन्दी व भूमि लेखा-जोखा करवाने की आवश्यकता पडऩे पर पटवारी को खोजने के लिए कभी फलोदी व कभी आऊ के बीच चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इस स्थिति में लोगों को भारी आर्थिक व मानसिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं उनकी सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं है।
देख रेख केअभाव में जर्जरहाल भवनग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षो से पटवारी व ग्राम सचिव यहां आए तक नहीं है। एेसे में यह भवन देखरेख के अभाव में जर्जर हाल में पहुंच गए हैं। वहीं गांव के ही समाजकंटक कुछ कमरों के खिड़की दरवाजे भी तोड़कर ले भागे। लेकिन जिम्मेदारों ने इसकी सुध तक नहीं ली।
बैठने लायक तक नहींमेरे पास पडियाल व आऊ दो पटवार मंडल मेरे कार्यक्षेत्र में होने से वे यहां कार्यालय में पहुंच नहीं सकते। पडियाल पटवार भवन पूरा जर्जरहाल हैं। जो बैठने लायक ही नहीं हैं।
रतनलाल पालीवाल, पटवारी पडियाल ग्रामपंचायत।भवनों को मरम्मत की दरकारपडियाल का पटवार भवन व ग्रामसेवक भवन दोनों जर्जरहाल में होने के कारण पटवारी व ग्रामसेवक यहां रहते नहीं हैं। वहीं इन भवनों की मरम्मत हो जाए तो इनको यहां रहने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत करके इनको रहने के लिए पाबंद करवाया जा सकता है।
करणीसिंह राठौड़, सरपंच ग्रामपंचायत पडियाल।