scriptपर्याप्त कमरे न ही अध्यापक, ऊपर से सुविधाएं भी नहीं | Poor conditions of government School News | Patrika News

पर्याप्त कमरे न ही अध्यापक, ऊपर से सुविधाएं भी नहीं

locationजयपुरPublished: Mar 13, 2018 05:34:09 pm

Submitted by:

Priyanka Yadav

पंखा पंचायत समिति के पास राजकीय प्राथमिक विद्यालय में दिखती केवल बदहाली

Jaipur News
जयपुर . पंखा, पंचायत समिति के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय झोटवाड़ा में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को आए दिन कई परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है। यहां विद्यालय में न तो बच्चों को बैठाने के लिए पर्याप्त कमरे हैं, न ही पढ़ाने के लिए पर्याप्त स्टॉफ और न ही उनके लिए किसी प्रकार की सुविधाएं। ऐसे में विद्यार्थियों को विद्यालय में कई परेशानियां भुगतनी पड़ रही हैं। बच्चों को धूप में बैठ पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्कूल में पोषाहार अक्षयपात्र से आता है जिसे अध्यापिकाओं ने गुणवत्तापूर्ण बताया।
कमरों में भरा कबाड़

अध्यापिका लाड़ विजय ने बताया कि इस स्कूल में कमरे तो पर्याप्त हैं लेकिन कमरों को सामान भर के स्टोर बनाया हुआ है जिसके कारण बच्चों को इन कमरों में नहीं बैठा सकते। एक कमरा है जिसमें चौथी कक्षा के बच्चों को बैठाना चाहते हैं लेकिन कालवाड़ रोड पर जो पब्लिक यूरिनल लगा है वो इस कमरे के बिलकुल पीछे है जिसके कारण इस कमरे में दुर्गंध आती है। इससे न तो यहां बच्चे बैठ सकते और न ही कोई शिक्षक।
शौचालय पड़ा बदहाल

स्कूल में बना शौचालय पूरी तरह से बदहाल पड़ा है। इसकी न तो कभी सफाई होती है और न ही देखरेख। इसमें लगी सीटें भी टूटी हुई हैं। चारों ओर कचरा और पेड़ों की पत्तियां पड़ी रहती हैं। इसके कारण न तो इसका स्टॉफ के लिए कोई उपयोग है और न ही विद्यार्थियों के लिए। इस शौचालय का दरवाजा भी टूटा हुआ है लेकिन अध्यापिका ने बताया कि जब प्रधानाचार्या से इस बारे में बात की तो उन्होंने बजट न होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया।
स्कूल परिसर की भी सफाई नहीं

स्कूल परिसर में भी सफाई के अभाव में चारों ओर कचरा पड़ा रहता है जिसके कारण विद्यार्थियों को गंदगी में बैठ कर ही पढ़ाई करनी पड़ती है। जब कभी सफाई करवानी होती है तो बच्चों से ही यह कार्य करवाया जाता है। बताया जा रहा है कि कि प्राइमरी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पोस्ट स्वीकृत नहीं होती इसी कारण बच्चों को ये सारे काम करने पड़ते हैं।
ऑफिस की छत से टपकता पानी

स्कूल में प्रधानाचार्य कार्यालय की छत पर रखी पानी की टंकियों के कारण ऑफिस की छत दिनभर टपकती रहती है इससे कई बार तो जरूरी कागजात और फाइलें भी भीग जाती हैं। कई बार दस्तावेजों को पानी से बचाने के लिए इधर से उधर पटकना पड़ता है। स्कूल में काफी साल पहले नए कमरे बनवाने को निर्माण कार्य शुरू हुआ लेकिन उसे कोर्ट केस के कारण रोक दिया गया।
सरकारी नियम से पर्याप्त स्टॉफ

विद्यालय में 74 बच्चे पढ़ रहे हैं ऐसे में सरकारी नियमों के अनुसार तीस छात्रों पर एक अध्यापक के हिसाब से प्रिंसिपल सहित तीन अध्यापिकाओं का स्टॉफ है। लेकिन प्रधानाचार्या को सरकारी डाक पहुंचाने अथवा अन्य कारणों से बाहर जाना पड़ता है और दो अध्यापिकाओं के भरोसे ही स्कूल चलता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो