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कभी था महल, अब अस्तित्व को तरस रही है वर्षों पुरानी इमारत

locationजयपुरPublished: Feb 15, 2018 01:26:08 pm

Submitted by:

Vikas Jain

-ऐतिहासिक धरोहर बन सकता है दुर्गापुरा का राजकीय स्कूल, सार-संभाल के अभाव में जर्जर होने लगी है।

Poor Maintenance Of Historical
टोंक रोड। शहर में ऐतिहासिक धरोहर बहुत देखी होंगी। लेकिन टोंक रोड इलाके के दुर्गापुरा क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ऐसा भी है जो आज ऐतिहासिक धरोहर बनने की बाट जोह रहा है। इलाके के लोगों ने बताया कि यदि कभी राजा-महाराजाओं का महल बने इस इमारत पर सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो यह भी ऐतिहासिक धरोहरों की श्रेणी में शुमार होकर देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच सकता है।
यहां के आकर्षक झरोखेे, सुंदर खिड़कियां, बड़े बरामदे, स्वीमिंग पूल सहित यहां के हॉल पूरी तरह हैरिटेज को आकर्षक बना रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां एक ओर कई इमारतों पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर उन्हें पर्यटक स्थल बना रही है वहीं आज ये स्कूल की इमारत अपने अस्तित्व को तरस रही है। हालांकि यहां 1978 में चिकित्सालय बनने के लिए जगह आवंटित की गई थी, लेकिन वो तो खुला नहीं और स्कूल चलने लग गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पुराने समय में यह इमारत राजा महाराजाओं का महल था। बाद में इसे राजा ने अपने ख्वासों के लिए रहने के लिए सौंप दिया। इसलिए ही इस जगह का नाम ख्वास जी का बाग रखा गया। वहीं इस इमारत के आसपास ही घुड़साल बनी हुई थी। उन कोठरियों में अब उस समय के शरणार्थी रह रहे । मुख्य टोंक रोड पर आज भी महल में जाने के लिए बड़ा दरवाजा बना हुआ है। उसके अंदर से ही महल में जाने का रास्ता था। लेकिन अब यह इमारत अपनी हालात पर आंसू बहा रही है। लेकिन अब बिना सार संभाल के यह इमारत जर्जर होने लगी है। ख्वासों के खाली करने के बाद इसमें स्कूल संचालित होने लगा और करीब पांच साल पूर्व इसे अक्षयपात्र को दे दिया गया। इस बीच स्कूल को पास ही रैगर बस्ती में भेज दिया। लेकिन अक्षयपात्र की रसोई खाली होने के बाद यहां वापस स्कूल चल रहा है।
कुछ दिन पहले लगी थी आग


दो तीन महिने पूर्व इस पुरानी ईमारत में आग लग गई थी, जिससे कमरों में रखा पुराना फर्नीचर व पुराना रिकॉर्ड जल गया था। लेकिन हादसे के बाद भी प्रशासन ने इमारत के जीर्णाेद्धार पर ध्यान नहीं दिया परिणामस्वरूप अब दीवारों से भी चूना गिरने लगा है। लापरवाही या अनदेखी है कि यहां आग लगने के बाद अब तक कचरा भी नहीं हटाया गया।
कभी था स्विमिंग पूल, अब सूखा


आसपास के लोगों ने बताया कि पुरानी इमारत के ठीक सामने कलात्मक रूप से बना स्विमिंग पूल था। जिसमें नीचे की ओर से पानी आता था और आज भी वह पाइप लगा हुआ है। अब सार-संभाल के अभाव में स्विमिंग पूल सूखा पड़ा है।

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