नई योजना में भले ही घर बैठे लोगों के लाइसेंस पहुंच रहे हैं लेकिन प्रक्रिया में गफलत हो रही है। किसी के पते पर किसी और का लाइसेंस आ रहा है। गलत मिल रहे ऐसे लाइसेंस लेकर लोग आरटीओ पहुंच रहे हैं। लोगों के पास लाइसेंस नंबर भी गलत प्रिंट होकर पहुंच रहे हैं। आवश्यक काम के लिए लोग लाइसेंस और आरसी की फोटो खींचकर काम चला रहे हैं।
केस-1: ग्यारसी के पास पहुंचा गोपाल का लाइसेंस
बस्सी निवासी ग्यारसीलाल मीणा के घर आरजे 1420050442013 नंबर का लाइसेंस जारी हुआ लिफाफा पहुंचा। लिफाफा खोला तो लाइसेंस किशनपुरा बस्सी निवासी गोपाललाल मीणा का मिला।
जवाहरनगर निवासी सतीश कुमार ने 5 अगस्त को नवीनीकरण कराया लेकिन 23 दिन बाद भी आरसी घर नहीं पहुंची है। सतीश चार बार आरटीओ के चक्कर लगा चुके हैं। उन्हें डाक विभाग जाने के लिए कहकर टरकाया जा रहा है। सतीश का कहना है कि ट्रेकिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा इसलिए आरसी का पता नहीं लग पा रहा।
आरटीओ में लोगों ने आरोप लगाया कि खास लोगों को लाइसेंस और आरसी दफ्तर में मौके पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
– बारकोड संबंधी समस्या में सुधार कर लिया है। लौटकर आईं आरसी फिर से भेजी गई हैं। लोगों को अगर आवश्यक दस्तावेज के तौर पर चाहिए तो हम कॉपी दे सकते हैं।
राजेन्द्र वर्मा, आरटीओ, जयपुर