विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र में कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है। सरकार ने कोयला कंपनियों को समय पर कोयले का भुगतान नहीं किया, जिससे बिजली संयंत्रों को कोयला मिलना बंद हो गया। नतीजन, प्रदेश के सभी गांव, कस्बे और ढाणी अंधेरे में डूब गए हैं। लगता है, अब गहलोत सरकार की ‘बत्ती गुल’ होने का समय आ गया है।
देवनानी ने कहा कि प्रदेश में उत्पन्न बिजली संकट के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। जब बिजली संयंत्रों में कोयला खत्म होने जा रहा था, तो सरकार ने समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया। यह स्थिति कहीं न कहीं अशोक गहलोत सरकार की ‘बत्ती गुल’ होने के संकेत हैं। देवनानी ने कहा कि बिजली सबसे ज्यादा जरूरी और मूलभूत सुविधा है। सरकार यह मूलभूत सुविधा निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने में पूरी तरह फेल रही है। बिजली संकट के कारण जनता बहुत ज्यादा परेशान हो रही है। इन दिनों नवरात्र चल रहे हैं और दीपावली भी नजदीक है। लोगों को घरों की साफ-सफाई, लिपाई-पुताई और धुलाई के लिए बिजली के साथ-साथ पानी की भी बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लेकिन बिजली नहीं होने से लोगों के यह सभी काम करीब-करीब ठप हो गए हैं।
देवनानी ने कहा कि बिजली कटौती करने के बावजूद सरकार की जनता को बिजली के बिलों में राहत देने की कोई मंशा दिखाई नहीं दे रही है। इसका परिणाम वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों में देखने को मिल ही जाएगा। न केवल उपचुनावों में, बल्कि दो साल बाद पूरे राजस्थान में कांग्रेस राज का अंधेरा मिटेगा और भारी बहुमत के साथ कमल खिलेगा।