ऊर्जा विकास निगम के इस अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था करने में हाथ-पैर फूल रहे हैं। यदि निगम पावर मैनेजमेंट में फेल रहता है तो अगले तीन-चार दिन तक बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका बनेगी। हालांकि, ऊर्जा विभाग के अफसर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। गौरतलब है कि बिजली प्रबंधन नहीं होने से उद्योगों, ग्रामीण एरिया में विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है।
पहले चलाया, अब बंद
धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर प्रोजेक्ट सफेद हाथी साबित हो रहा है। न तो इससे बिजली उत्पादन कर रहे हैं और न ही पूरी तरह बंद। गैस आधारित इस प्लांट की क्षमता 330 मेगावाट है। मौजूदा स्थितियों में संचालन करें तो 300 मेगावाट बिजली मिलने की स्थिति बनेगी।
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इस तरह समझें स्थिति
– 7580 मेगावाट क्षमता है सरकारी पावर प्लांट की क्षमता
– 1740 मेगावाट क्षमता की यूनिट से उत्पादन ठप
-10 से 12 प्रतिशत बिजली की खपत उसी यूनिट के संचालन में हो रही
– 4800 मेगावाट ही मिल रही बिजली अभी पावर प्लांट से
इनके पास है पावर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी…
– एम.एम. रिणवा, एमडी, ऊर्जा विकास निगम
– मुकेश बंसल, मुख्य अभियंता, ऊर्जा विकास निगम