हाल ही में पेश किए गए आम बजट में भी वित्त मंत्री जेटली ने मोदी सरकार की जनऔषधि योजना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि इस योजना से लोगों को करीब 800 दवाएं बाजार से 80-85 प्रतिशत तक सस्ती कीमत पर मिल रही हैं।
सरकार ने नए बदलाव के तहत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र के लिए लगने वाली शुल्क और प्रोसेसिंग फी को भी खत्म कर दिया है। इसके अलावा योजना के तहत दवाई की दुकान खोलने के लिए सरकार 2.5 लाख रुपए की सहायता दे है।
यदि आप भी रोजगार की तलाश में हैं तो आप भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार की तरफ से कुछ याेग्यताएं निर्धारित की गई हैं। इनकाे पूरा करने वाला व्यक्ति इस याेजना का लाभ ले सकता है।
इसके तहत तीन श्रेणी बनाई गई हैं। पहली श्रेणी के तहत कोई भी बेरोजगार जो फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकता है। दूसरी कैटेगरी के तहत ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप आवेदन कर सकते हैं।
तीसरी कैटेगरी के अंतर्गत राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसी स्टोर खोल सकती है। यदि आप भी जनऔषधि केंद्र के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास दुकान के लिए कम से कम 120 वर्गफुट कवर्ड एरिया होना चाहिए।
यदि सरकार आपके आवेदन पर जनऔषधि केंद्र खोलने की मंजूरी देती है तो सरकार की ओर से आपको 650 से ज्यादा दवाओं के साथ ही 100 से ज्यादा उपकरण बिक्री करने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे।
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए करीब 2.5 लाख रुपए का खर्च आता है। जनऔषधि केंद्र खोलने वालों को सरकार की तरफ से 2.5 लाख रुपए की सरकारी सहायता दी जाएगी। योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलने के लिए पहले आपको 1 लाख रुपए की दवाइयां खरीदनी होंगी। बाद में सरकार की तरफ से इसे महीने के आधार पर रीइंबर्समेंट किया जाएगा। सरकार दुकान शुरू करने में लगने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर यानी रैक, डेस्क आदि के लिए आपको एक लाख तक की मदद करेगी।
फर्नीचर में खर्च हुई रकम को सरकार की तरफ से आपको छह महीने में वापस कर दिया जाएगा। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए कंप्यूटर आदि पर खर्च होने वाले 50 हजार रुपए भी आपको सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।
आपकी दुकान से हर महीने जितने रुपए की दवाओं की बिक्री की जाएगी, उस पर आपको 10 फीसदी का इंसेटिव दिया जाएगा। यह इंसेटिव हर महीने अधिकतम 10 हजार रुपए तक होगा। यानी यदि आप एक महीने में एक लाख रुपए से ज्यादा की दवाएं सेल करते हैं तब भी 10 हजार रुपए का ही इंसेटिव मिलेगा। यह इंसेटिव आपको तब तक मिलेगा, जबतक 2.5 लाख रुपए की लिमिट पूरी नहीं हो जाती है।
जनऔषधि केंद्र का अप्रूवल मिलने के बाद हर महीने जितने रुपए की दवा बेचेंगे, उस रकम का 20 फीसदी आपको कमीशन के रूप में मिलेगा। इस तरह यदि आपने हर महीने एक लाख रुपए की दवाओं की बिक्री की तो 20 हजार रुपए कमीशन और इंसेटिव मिलाकर आपको कुल 30 हजार रुपए की आय हुई। यदि आप दवाओं की बिक्री ज्यादा करते हैं तो आपकी कमाई बढ़ जाएगी।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आेर से 1 जुलाई 2015 को घोषित एक योजना है। केंद्र सरकार देशभर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के माध्यम से लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराना चाहती है। इस कारण इस योजना का प्रसार किया जा रहा है। पिछले दिनों देश में 20 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं।