बिहार में मजदूरों की बेबसी देख भड़के प्रशांत किशोर
जयपुरPublished: Mar 31, 2020 12:12:54 pm
नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफाक्वारनटीन के इंतजामों में अव्यवस्था का आरोप
पूरे देश में आज विभिन्न शहरों से लोग पलायन कर अपने—अपने घर जा रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूर वर्ग के लोग ज्यादा है। तमाम प्रकार की अव्यवस्था के बीच किसी तरह ये लोग अपने—अपने प्रदेश में पहुंचे हैं, लेकिन बीमारी की आशंका के चलते इन्हे फिलहाल क्वारंटीन किया गया है। बिहार में चुनावी रणनीतिकार और पूर्व जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मजदूरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के कभी विश्वस्त सहयोगी रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि देश के अलग-अलग इलाकों से तकलीफ और जिल्लत सहकर बिहार पहुंचने वाले मजदूरों के साथ बेहद बुरा बर्ताव किया जा रहा है। प्रशांत किशोर ने एक वीडियो शेयर किया है, इस वीडियो में बड़ी संख्या में मजदूर एक स्थान पर बंद दिख रहे हैं। ये मजदूर रो रहे हैं, मजदूरों का कहना है कि यूपी सरकार ने उन्हें यहां भेज दिया है, लेकिन बिहार सरकार उन्हें अपने घर नहीं जाने की दे रही है।
गौरतलब है कि देश के अलग अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में बिहार के कामगार अपने गांव लौट रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कोरोना का संक्रमण रोकने के उद्देश्य से इन्हें अपने गांव नहीं जाने दे रही है। दूसरे प्रदेशों से बिहार पहुंचे मजदूरों को 14 दिनों के लिए क्वारनटीन किया जा रहा है, ताकि गांवों तक संक्रमण नहीं पहुंचे। इसके लिए बिहार सरकार ने सीमावर्ती जिलों में आपदा शिविर बनाए हैं। इस पर प्रशांत किशोर ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के सरकारी प्रयासों की एक और भयावह तस्वीर. भारी तकलीफ और मुसीबतों को झेलकर देश के कई हिस्सों से बिहार पहुंचने वाले गरीब लोगों के लिए नीतीश कुमार की सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारनटीन की ये व्यवस्था दिल दहलाने वाली है।
बात की जाए तो दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि प्रशासन इन्हें संभाल नहीं पा रहा है। मजदूरों के गुस्से को देखते हुए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन उन्हें रोक नहीं पा रही है और मजदूर सीधे अपने घर जा रहे हैं। प्रशांत किशोर बिहार में कोरोना से निपटने के इंतजामों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।