स्टालिन ने दी जानकारी
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने ट्विटर पर लिखा कि हमे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि तमिलनाडु के कई प्रतिभाशाली और युवा पेशेवर आइपेक के बैनर तले 2021 के चुनाव में हमारे साथ आ रहे हैं और तमिलनाडु को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने की योजना में सहायता करेंगे। इसके जवाब में आइपेक ने ट्वीट किया कि इस अवसर के लिए एम. के. स्टालिन का धन्यवाद। आइपेक की तमिलनाडु टीम डीएमके के साथ काम करने के लिए उत्साहित है। आइपेक की टीम 2021 का चुनाव जीतने में सहायता करेगी और आपके नेतृत्व में राज्य को एक बार फिर विकास के पथ पर ले जाने में योगदान देगी।
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने ट्विटर पर लिखा कि हमे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि तमिलनाडु के कई प्रतिभाशाली और युवा पेशेवर आइपेक के बैनर तले 2021 के चुनाव में हमारे साथ आ रहे हैं और तमिलनाडु को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने की योजना में सहायता करेंगे। इसके जवाब में आइपेक ने ट्वीट किया कि इस अवसर के लिए एम. के. स्टालिन का धन्यवाद। आइपेक की तमिलनाडु टीम डीएमके के साथ काम करने के लिए उत्साहित है। आइपेक की टीम 2021 का चुनाव जीतने में सहायता करेगी और आपके नेतृत्व में राज्य को एक बार फिर विकास के पथ पर ले जाने में योगदान देगी।
हाल ही में जदयू से बाहर हुए किशोर
हाल ही में प्रशांत किशोर को जनता दल (यू) ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बता दें कि प्रशांत नागरिकता संशोधित कानून समेत मोदी सरकार के अन्य फैसलों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से पिछले कुछ दिनों से मतभेद सामने आ रहे थे। जदयू ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उन पर कुमार के खिलाफ ‘अपमानजनक’ शब्दों के इस्तेमाल का तथा पार्टी अनुशासन का पालन नहीं करने एवं जदयू अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिये गये सम्मान का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। किशोर के निष्कासन की घोषणा करते हुए जदयू के मुख्य महासचिव के.सी त्यागी ने कहा कि पिछले कुछ समय में इनके आचरण ने साफ कर दिया है कि वे पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना चाहते और इसके फैसलों तथा कार्यशैली के विरुद्ध काम करते आ रहे हैं। किशोर अकसर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ बोलते रहे हैं।
हाल ही में प्रशांत किशोर को जनता दल (यू) ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बता दें कि प्रशांत नागरिकता संशोधित कानून समेत मोदी सरकार के अन्य फैसलों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से पिछले कुछ दिनों से मतभेद सामने आ रहे थे। जदयू ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उन पर कुमार के खिलाफ ‘अपमानजनक’ शब्दों के इस्तेमाल का तथा पार्टी अनुशासन का पालन नहीं करने एवं जदयू अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिये गये सम्मान का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। किशोर के निष्कासन की घोषणा करते हुए जदयू के मुख्य महासचिव के.सी त्यागी ने कहा कि पिछले कुछ समय में इनके आचरण ने साफ कर दिया है कि वे पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना चाहते और इसके फैसलों तथा कार्यशैली के विरुद्ध काम करते आ रहे हैं। किशोर अकसर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ बोलते रहे हैं।