यूडीएच और एलएसजी के उच्चाधिकारियों के साथ पहुंचे धारीवाल ने पट्टों की फाइलों को खंगाला। ज्यादातर फाइलों में दस्तावेज पूरे होने के बाद भी बेवजह की आपत्तियां जताने पर अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि अगर ढर्रा नहीं सुधारा गया तो निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान धारीवाल ने राजस्व अधिकारी डीके भम्भाणी को निलंबित और यूडीसी जगदीश प्रसाद सैनी को 17 सीसी का नोटिस देने के निर्देश दिए।
300 आवेदन, तीन पट्टे, बाबू को किया सस्पेंड धारीवाल ने मालवीय नगर जोन में चल रहे शिविर का भी निरीक्षण किया। यहां पट्टे के लिए 300 आवेदन मिल चुके हैं, लेकिन केवल 3 ही पट्टे जारी करने पर धारीवाल व अन्य अधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए संबंधित बाबू राजेंद्र को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। यही नहीं धारीवाल ने कहा कि सस्पेंशन पीरियड में राजेंद्र जोन में ही पट्टे से संबंधित काम करेगा।
आप आरएएस अधिकारी हैं.. नाम हस्तांतरण पर आयोजन उपायुक्त महेश मान के आवंटन की शर्तों की पालना लिखने पर यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आप आरएएस अफसर हैं। बाबू की नोटिंग को पढ़े बिना ही आपने इस तरह की नोटिंग कर दी।
आपको सीएम से कहकर सस्पेंड कराउंगा मालवीय नगर जोन उपायुक्त सुरेश चौधरी भी मंत्री के सवालों का सही जवाब नहीं दे पाए। हर फाइल को रिजेक्टर करने पर धारीवाल ने कहा कि आप काम का ढर्रा सुधारें नहीं तो सीएम से कहकर आपको सस्पेंड करवा दूंगा।
अधिकारी-कर्मचारी कन्फ्यूज दौरे में अधिकारी और कर्मचारी पट्टे अटकाने की सही वजह नहीं गिना पाए। ज्यादातर मामलों में कार्मिक कनफ्यूज नजर आए। नगरपालिका एक्ट की धारा 69ए के तहत पट्टे की छूट के बावजूद मूल दस्जावेज, मौका निरीक्षण जैसी आपत्तियां लगाकर मामले अटकाए जा रहे हैं। इसे लेकर भी अधिकारियों में गहरी नाराजगी थी।
10 लाख से ज्यादा पट्टे देंगे निरीक्षण के बाद धारीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम अभियान में तय लक्ष्य 10 लाख से ज्यादा पट्टे देंगे। काम से संतुष्ट हूं। जितने भी पट्टे जारी किए हैं, उन्हें हम देख रहे हैं। एक भी फर्जी आंकड़ा नहीं है। कैबिनेट से मामले देरी से मिले, जिसकी वजह से पट्टे देरी से जारी हुए। हम दोबारा सर्वे करा रहे हैं।
फाइलें देखकर नाराज हुए मंत्री-अधिकारी —राजापार्क की पुरुषार्थी कॉलोनी में आवेदक के पास 1992 की बिजली बिल और रहने के अन्य दस्तावेज होने के बद पट्टे की फाइल के रिजेक्ट कर रखा था, जबकि कब्जे के पूरे दस्तावेज के आधार पर नगरपालिका एक्ट की धारा 69ए के तहत दिया जा सकता है पट्टा
—1976 में गौतम नगर की एक फाइल पट्टे के लिए चल रही है। हक त्याग और पड़ोसियों की गवाही के बावजूद पट्टा लटकाया जा रहा है —एक महिला के पति की मौत के बाद भी महिला के नाम पट्टा हस्तांतरण में मौका रिपोर्ट मांगने के नाम पर फाइल अटकाई