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राहत का पिटारा, सरकार ने भूखंडों के नाम हस्तांतरण में दी भारी छूट, ये रियायतें भी मिलेंगी

locationजयपुरPublished: Oct 31, 2021 03:07:28 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

नियमन दर में 75 प्रतिशत की छूट के बाद सरकार ने अब भूखंडों के नाम हस्तांतरण में भी छूट का तोहफा दिया है। यूडीएच और एलएसजी ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार अब 300 वर्ग मीटर तक के भूखंड के नाम हस्तांतरण पर केवल एक हजार रुपए देने पड़ेंगे।

राहत का पिटारा, सरकार ने भूखंडों के नाम हस्तांतरण में दी भारी छूट, ये रियायतें भी मिलेंगी

राहत का पिटारा, सरकार ने भूखंडों के नाम हस्तांतरण में दी भारी छूट, ये रियायतें भी मिलेंगी

जयपुर।

नियमन दर में 75 प्रतिशत की छूट के बाद सरकार ने अब भूखंडों के नाम हस्तांतरण में भी छूट का तोहफा दिया है। यूडीएच और एलएसजी ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार अब 300 वर्ग मीटर तक के भूखंड के नाम हस्तांतरण पर केवल एक हजार रुपए देने पड़ेंगे। पहले यह शुल्क 4500 रुपए था। इसी तरह 500 वर्ग मीटर तक के भूखंड के लिए 10000 की जगह 4000, 500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर 12500 की जगह केवल 4000 रुपए नाम हस्तांतरण शुल्क देना पड़ेगा।
भू-उपयोग परिवर्तन में 50 प्रतिशत की छूट

अभियान के मद्देनजर सरकार ने भू—उपयोग परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी है। भू—उपयोग परिवर्तन कर फ्री होल्ड पट्टा जारी किया जाएगा, लेकिन यह छूट आवासन मंडल की कॉलोनियों में लागू नहीं होगी।
उप विभाजन व पुनर्गठन कराना भी हुआ सस्ता

भूखंडों के पुनर्गठन व उप विभाजन शुल्क में भी सरकार ने बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी भू उपयोगों पर एक ही शुल्क लगाया गया है। पहले जहां 25 से लेकर 100 प्रति वर्ग मीटर तक यह शुल्क वसूला जाता था, लेकिन अब 25 रुपए प्रति वर्ग मीटर पुनर्गठन व उप विभाजन शुल्क लिया जाएगा।
आंतरिक शुल्क के बकाया पर नहीं लगेगा शुल्क

सरकार ने आंतरिक विकास शुल्क के बकाया ब्याज में छूट दे दी है। टाउनशिप पॉलिसी 2002 के प्रकरणों में यह छूट दी गई है। इसके तहत आंतरिक विकास शुल्क पर जो बकाया ब्याज है। वह ब्याज अब भूखंड धारियों को नहीं देना पड़ेगा। आंतरिक शुल्क चुकाने पर निकाय आर्थिक विकास के लिए रखे गए भूखंडों को रहन से मुक्त करेंगे।
नाम हस्तांतरण के बाद मिलेगा नया पट्टा

नाम हस्तांतरण के बाद भूखंड का नया पट्टा जारी किया जा सकेगा। इसकी अधिसूचना जारी कर सरकार ने निकायों स्पष्ट हिदायत दी है कि नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में कोई राशि, किसी प्रकार का शुल्क या प्रभार नहीं जोड़ा जाएगा। किसी निकाय कार्मिक ने अगर ऐसा किया तो
उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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