भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाड़ा की टीम ने गुरुवार को दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में प्रतापगढ़ जिला आबकारी अधिकारी, प्रहराधिकारी और कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की यह राशि शराब ठेकेदार से धमकाकर मांगी गई थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले के अरनोद थाना क्षेत्र के भचूंडला गांव निवासी दशरथ पुत्र अंबालाल चौधरी ने भीलवाड़ा ब्यूरो कार्यालय में शिकायत की थी कि आबकारी विभाग के अधिकारी उसेे केस बनाने के नाम पर धमका रहे हैं। उससे दो लाख 25 हजार रुपए की मांग की है। दशरथ ने बताया कि वह 8 फरवरी को प्रतापगढ़ स्थित विभाग के शराब गोदाम से शराब से भरी गाड़ी लेकर जा रहा था। जहां प्रहराधिकारी हरिराम मीणा निवासी उदयपुर ने उसे रोका। उससे कहा कि वह मिलने नहीं आता है। उसका कहीं भी केस बना देंगे। इसके बदले में दोनों के बीच सवा दो लाख रुपए देना तय हुआ। उक्त राशि प्रतापगढ़ के कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश गुर्जर को देना बताया। इस संबंध में दशरथ ने भीलवाड़ा एसीबी में बुधवार को शिकायत की। इसके बाद ब्यूरो ने दो लाख रुपए के नोट दशरथ को दिए। इस बीच टीम भी प्रतापगढ़ पहुंची। गुरुवार दोपहर को टीम सब्जी मंडी पहुंची।
दशरथ ने राजेश को फोन पर सब्जी मंडी बुलाया। यहां राजेश ने रंग लगे दो लाख रुपए के नोट राजेश को दिए। इशारा पाते ही टीम ने दो लाख रुपए के साथ राजेश को पकड़ लिया। इसके बाद टीम राजेश को लेकर आबकारी कार्यालय पहुंची। जहां से जिला आबकारी अधिकारी मोतीसिंह चौहान निवासी जयपुर व प्रहराधिकारी हरिराम मीणा निवासी उदयपुर को भी गिरफ्तार कर लिया।