भरपेट खाना
गर्भवती को लेकर यह भ्रांति भी फैली है कि उन्हें दही नहीं खाना चाहिए, क्योंकि दही से बच्चे पर सफेद परत जम जाती है और डिलीवरी से पहले भरपेट खाना खाकर जाना चाहिए।
सच्चाई यह है कि प्रिमैच्योर डिलीवरी होने पर बच्चे के शरीर पर सफेद परत नजर आती है, जिसे लोग दही की सफेद परत समझ लेते हैं। दरअसल, बच्चे की सुरक्षा के लिए शरीर पर सफेद परत होती है, जो बच्चे के विकास के साथ खत्म होती जाती है। लेबर पेन होने पर भरपेट खाने के बजाय हल्का खाना बेहतर रहता है। भर पेट खाने से उल्टी, सांस नली में खाना फंसने का खतरा रहता है।
गर्भवती को लेकर यह भ्रांति भी फैली है कि उन्हें दही नहीं खाना चाहिए, क्योंकि दही से बच्चे पर सफेद परत जम जाती है और डिलीवरी से पहले भरपेट खाना खाकर जाना चाहिए।
सच्चाई यह है कि प्रिमैच्योर डिलीवरी होने पर बच्चे के शरीर पर सफेद परत नजर आती है, जिसे लोग दही की सफेद परत समझ लेते हैं। दरअसल, बच्चे की सुरक्षा के लिए शरीर पर सफेद परत होती है, जो बच्चे के विकास के साथ खत्म होती जाती है। लेबर पेन होने पर भरपेट खाने के बजाय हल्का खाना बेहतर रहता है। भर पेट खाने से उल्टी, सांस नली में खाना फंसने का खतरा रहता है।
बड़ा पेट-अधिक नींद
यह भ्रांति भी है कि अगर गर्भवती महिला के पेट का उभार ज्यादा है तो लड़की होगी और कम है तो लड़का होगा या प्रेग्नेंसी में ज्यादा सोने वाली महिला को लड़की होती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इनका वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। पेट का आकार महिला के मसल साइज, भू्रण की अवस्था और उनके एब्डोमन के चारों ओर जमे फैट से तय होता है। हार्मोनल चेंजेस से महिला को थकान अधिक होती है और नींद आती है।
यह भ्रांति भी है कि अगर गर्भवती महिला के पेट का उभार ज्यादा है तो लड़की होगी और कम है तो लड़का होगा या प्रेग्नेंसी में ज्यादा सोने वाली महिला को लड़की होती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इनका वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। पेट का आकार महिला के मसल साइज, भू्रण की अवस्था और उनके एब्डोमन के चारों ओर जमे फैट से तय होता है। हार्मोनल चेंजेस से महिला को थकान अधिक होती है और नींद आती है।
एसिडिटी की वजह
लोंगों के बीच में यह मिथ भी सुनने को मिलेगा कि गर्भस्थ शिशु के सिर पर बहुत अधिक बाल होने की वजह से गर्भावस्था के दौरान मां को एसिटिडी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस बात का भी कोई आधार नहीं है। आखिरी तिमाही में बच्चा सिर नीचे करके लेटा रहता है। मां को एसिटिडी उसके बढ़ते पेट के कारण होती है। यूट्रस बढ़ता है और आंतों को ऊपर की ओर ढकेलता है जिससे बदहजमी, एसिडिटी और कब्ज की समस्या होती है।
लोंगों के बीच में यह मिथ भी सुनने को मिलेगा कि गर्भस्थ शिशु के सिर पर बहुत अधिक बाल होने की वजह से गर्भावस्था के दौरान मां को एसिटिडी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस बात का भी कोई आधार नहीं है। आखिरी तिमाही में बच्चा सिर नीचे करके लेटा रहता है। मां को एसिटिडी उसके बढ़ते पेट के कारण होती है। यूट्रस बढ़ता है और आंतों को ऊपर की ओर ढकेलता है जिससे बदहजमी, एसिडिटी और कब्ज की समस्या होती है।
सुंदर बच्चा
एक यह भ्रांति भी लोगों के बीच मिलेगी कि दीवार पर बच्चे की सुंदर सी तस्वीर लगाने और उसे निहारने से बच्चा भी सुंदर पैदा होगा। सच्चाई यह है कि किसी भी नवजात का चेहरा उसके जेनेटिक गुणों पर निर्भर करता है। माना खूबसूरत बच्चों की तस्वीरें दीवार पर लगाने से प्रेगनेंट महिला पॉजिटिव महसूस करती है, जिससे उसकी सेहत पर अच्छा असर पड़ता है, बच्चे की सुंदरता पर नहीं
एक यह भ्रांति भी लोगों के बीच मिलेगी कि दीवार पर बच्चे की सुंदर सी तस्वीर लगाने और उसे निहारने से बच्चा भी सुंदर पैदा होगा। सच्चाई यह है कि किसी भी नवजात का चेहरा उसके जेनेटिक गुणों पर निर्भर करता है। माना खूबसूरत बच्चों की तस्वीरें दीवार पर लगाने से प्रेगनेंट महिला पॉजिटिव महसूस करती है, जिससे उसकी सेहत पर अच्छा असर पड़ता है, बच्चे की सुंदरता पर नहीं