यह परीक्षा पूरी तरह से बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर ही होगी। परीक्षा के बाद विद्यार्थियों की दक्षता का आकलन होगा। इसके आधार पर ही विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाएगी। इसके लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। गौतलब है कि बोर्ड परीक्षाएं मार्च माह में प्रस्तावित है। इससे पूर्व सुधार के लिए स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षाएं ली जा रही है। शिक्षा विभाग ने परिणाम में संख्यात्मक एवं गुणात्मक सुधार के लिए कक्षा 10 में न्यूनतम 40 प्रतिशत से अधिक एवं कक्षा 12वीं में न्यूनतम 60 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।