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राजस्थान में बड़े स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, नेताओं की तलाश हुई शुरू

locationजयपुरPublished: May 17, 2019 07:53:07 am

Submitted by:

abdul bari

नवंबर में निकाय और फिर जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव को देखते हुए जल्दी

gehlot and pilot

राजस्थान में बड़े स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, नेताओं की तलाश हुई शुरू

जयपुर।
लोकसभा चुनाव में गुटबाजी से बचने को लेकर राजनीतिक नियुक्तियां देने से बच रही राज्य की कांग्रेस सरकार (CONGRESS) अब लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद नियुक्तियों का सिलसिला शुरू करेगी। कांग्रेस सरकार ने नियुक्तियां देने को लेकर कवायद शुरू कर दी है। राजस्थान में करीब 52 बोर्ड, आयोग, समिति और अकादमियों में नियुक्तियां दी जाएंगी। इनमें से दो आयोग और एक बोर्ड में अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष भी लगाए जाएंगे। राज्य स्तरीय इन पदों पर संभवत: राज्य सरकार बड़े नेताओं को ही मौका देगी। सूत्रों की मानें तो बड़े नेताओं में कुछ विधायकों को भी पद दिया जा सकता है।
बोर्ड आयोग में कई पद तो ऐसे हैं, जिनको लेकर बड़े नेताओं में होड़ तक रहती है। हालांकि नियुक्तियों की तैयारी की खबर प्रदेश में दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव होने के बाद से बाहर आते ही नेता अपने पक्ष में लॉबिंग में जुट गए हैं। वैसे तो इन पदों पर नियुक्ति पाने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने राज्य में सरकार बनने के साथ ही पैरवी कराना शुरू कर दिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद ही नियुक्तियां दिए जाने की संदेश मिलने के बाद सभी चुप बैठक गए थे। लेकिन अब लोकसभा चुनाव के खत्म होने और चुनाव परिणाम आने के बाद नियुक्तियों का सिलसिला शुरू होने की खबर ने नेताओं की फिर से भागदौड़ शुरू करा दी है। माना जा रहा है कि राज्य में जो राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी, उनमें कांग्रेस आलाकमान का भी दखल रहेगा।
निकाय और पंचायत चुनावों में लाभ लेने की कवायद

लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही राज्य में निकाय चुनावों की तैयारी शुरू हो जाएगी। प्रदेश में संभवत: नवंबर में चुनाव होंगे। ऐसे में करीब पांच माह का समय है। लेकिन नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों में तैयारी एक-दो माह में ही तेज हो जाएगी। निकाय चुनाव के एक माह बाद ही राज्य में पंचायत चुनाव होंगे। इसको देखते हुए भी कांग्रेस पार्टी राजनीतिक नियुक्तियां अब तत्काल देने के पक्ष में है। जिससे इन चुनावों में लाभ मिल सके।
देरी से नियुक्ति से रोष आ चुका सामने
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों का मामला दिल्ली तक उठ चुका है। नेताओं की हमेशा शिकायत रही है कि पार्टी सत्ता में आने पर अक्सर राजनीतिक नियुक्तियां सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय में करती हैं। इससे समिति, बोर्ड, आयोग और अकादमिकों में काम करने का पूरा मौका नहीं मिल पाता। यह मामला पहले राहुल गांधी के पास भी लोग उठा चुका है। ऐसे में कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं का मानना है कि नियुक्ति जल्दी होनी चाहिए।
इनके लिए शुरू हुई नेताओं की तलाश
जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, समाज कल्याण बोर्ड, उपाध्यक्ष 20 सूत्री कार्यक्रम, राजस्थान आवासन मण्डल, अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड, राज्य महिला आयोग, डांग विकास बोर्ड, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राज्य क्रीड़ा परिषद, राजस्थान लोकसेवा आयोग, राज्य बुनकर सहकारी संघ लिमिटेड, पर्यटन विकास निगम, किसान आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, जोधपुर विकास प्राधिकरण, राज्य बीज निगम, पशु कल्याण बोर्ड, राज्य स्तरीय सलाहकार समिति श्रम विभाग, राजस्थान फाउण्डेशन, राजस्थान सफाई कर्मचारी आयोग, राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, साहित्य अकादमी, ऊर्दू अकादमी, भाषा-साहित्य व संस्कृति अकादमी, बृजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी, सहकारी डेयरी फैडरेशन, वक्फ विकास परिषद, राज्य हज कमेटी, राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड, सार्वजनिक प्रन्यास मण्डल, जनजाति आयोग, सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ वॉलंटरी सेक्टर, सीनियर सिटीजन बोर्ड, मगरा क्षेत्रीय विकास बोर्ड, भूदान बोर्ड, युवा बोर्ड, शिल्प एवं माटी कला बोर्ड, लघु उद्योग विकास निगम, निशक्तजन आयोग, गौ-सेवा आयोग, पशु पालक कल्याण बोर्ड, मेला प्राधिकरण, विमुक्त घुमंतू एवं अद्र्ध घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड, राज्य क्रीड़ा परिषद।
कांग्रेस सरकार पहले ही कर चुकी कवायद
कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कवायद शुरू कर दी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते रोक लगा दी गई है। उस दौरान सभी विधायकों से जिलों में नियुक्तियों को लेकर 50-50 नाम मांगे गए थे। सरकार राज्य में हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां दे सकती है। ऐसे में राज्य स्तरीय 52 पदों के साथ ही बड़ी संख्या में जिलों में तमाम कमेटियों में नियुक्तियां दी जाएंगी।
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