नए शैक्षणिक सत्र में निजी विद्यालयों की कमाई पर शिकंजा लगाने की तैयारी
जयपुरPublished: Feb 12, 2020 10:15:15 am
विद्यालयों को सार्वजनिक करनी होगी पाठयपुस्तकों की सूची
School children swear to keep cleanliness around them
जयपुर
नए शैक्षणिक सत्र में निजी विद्यालयों की कमाई पर शिकंजा लगाने की शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी हैं। विभाग की ओर से सभी निजी विद्यालयों को आदेश जारी किए है कि वह आगामी शैक्षणिक सत्र में प्रवेश देने वाले विद्यार्थियों पर टाई,जूते,किताब,कॉपियां स्कूल से खरीदने के लिए दवाब नहीं बना सकेंगे। वहीं जो भी पाठयक्रम विद्यालयों में पढ़ाया जाना है उन किताबों के नाम विद्यालय प्रशासन को सार्वजनिक करने होंगे। जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि किताब किस प्रकाशक की है और कितनी कीमत की हैं। यह सभी सूचनाएं विद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी होगी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी विद्यालयों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
अभिभावकों की जेब नहीं कटे,इसलिए यह नियम
अभिभावकों की जेब नहीं कटे इसलिए नियम कायदे शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं। निजी विद्यालय प्रवेश के बाद किसी एक दुकान से ही टाई,जूते,किताब,कॉपियां खरीदने का दवाब अभिभावकों पर नहीं बना सकेंगे। वहीं एनसीईआरटी के पाठयक्रम से जुड़ी किताबें ही खरीदने के निर्देश देने होंगे। किताबें किसी एक दुकान से खरीदने के लिए नहीं कह सकेंगे। किताबें कहां मिलेगी इसके लिए कम से कम पांच ऐसी दुकानों के नाम सार्वजनिक करने होंगे जहां पर यह किताबें उपलब्ध हो। इसके अलावा अपने स्कूल की नाम लिखी कॉपियां भी खरीदने के लिए विद्यालय प्रशासन बाध्य नहीं कर सकेगा। विद्यार्थी सामान्य कॉपी खरीदने के लिए स्वतंत्र होगा। किसी भी शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होगा। वहीं ड्रेस भी पांच साल पहले नहीं बदली जा सकेगी। इसके अलावा ड्रेस भी किसी एक दुकान से खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा। गत सालों में आई इस तरह की शिकायतों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह फैंसला लिया हैं। जिसके अनुसार कोई भी विद्यालय इन नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसकी सम्बद्धता निरस्त तक की जा सकती है और उस पर कार्रवाई की जाएगी।