समिति में शामिल एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी व मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. वीरेंद्र सिंह तथा कोर ग्रुप में शामिल चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख गृह सचिव अभय कुमार तथा इनके सहित अन्य अधिकारियों ने भी सख्ती 15 दिन और जारी रखने का मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है।
समिति और कोर ग्रुप के अनुसार ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित प्रदेश के चिकित्सा संसाधनों को देखते हुए कोरोना की चेन तोडऩा सबसे अधिक जरूरी है। यदि चेन नहीं टूटी और गम्भीर मरीजों की संख्या बढ़ी तो संसाधन काफी कम पडऩे लग जाएंगे। मुख्यमंत्री भी जिन जिलों में जन अनुशासन पखवाड़े की गाइडलाइन की पालना नहीं होने की शिकायतें आ रही हैं, उन संबंधित जिलों के कलक्टर एवं एसपी पर नाराजगी जता रहे हैं। गहलोत लगभग हर बैठक में हर जिले के कलक्टर व एसपी को जन अनुशासन पखवाड़े के दौरान लगाई गईं पाबंदियों को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दे रहे हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति के सख्त पाबंदियां लगाने के सुझाव पर ही सीएम गहलोत ने 19 अप्रेल को सुबह 5 बजे से 3 मई सुबह 5 बजे तक के लिए जन अनुशासन पखवाड़े के तहत सख्त पाबंदियां लागू करने का निर्णय किया था।
अप्रेल में 60 हजार से 1.70 लाख पहुंचे मरीज-
जन अनुशासन पखवाड़े से पूर्व अप्रेल माह में 17 अप्रेल तक करीब 60 हजार कोरोना संक्रमित थे, जो अब करीब 1.70 लाख तक पहुंच गए हैं। प्रतिदिन मौतें भी पांच गुना तक बढ़ गईं हैं।
सख्त गाइडलाइन के साथ बढ़ेगा कर्फ्यू: गहलोत-
मुख्यमंत्री ने कोरोना समीक्षा बैठक में गृह विभाग को जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन को और अधिक सख्त बनाने तथा इसे आगे भी लागू रखने के निर्देश दिए हैं। तारीख का एलान नहीं किया है। गाइडलाइन में अनावश्यक आवागमन रोकने, संक्रमण पर अंकुश लगाने और जरूरतमंद की आजीविका का ध्यान रखा जाए। अन्यथा स्थितियां और विकट हो सकती हैं।
गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जामनगर से आवंटित ऑक्सीजन का 185 मैट्रिक टन का बैकलॉग कोटा तत्काल प्राप्त करने के प्रयास करें ताकि कुछ समय के लिए राहत मिल सके। यह कोटा प्रदेश को टैंकर उपलब्ध नहीं होने के कारण नहीं मिल सका है। उन्होंने ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर सहित अन्य संसाधन दूसरे देशों से आयात करने की प्रक्रिया की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के निर्देश दिए।