यही वजह है कि कांग्रेस ने फिर से मुस्लिम वर्ग पर फोकस करना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वोट ना छिटक जाए इसके लिए सत्ता और संगठन दोनों में उनकी मांगों को लेकर मंथन शुरू हो गया है।
सूत्रों की माने तो अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम वर्ग को संगठन में अहम पदों पर एडजस्ट किए जाने पर मंथन चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस की बनने वाली प्रदेश कार्यकारिणी में भी कई अहम पदों पर मुस्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा है। वहीं जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी मुस्लिम वर्ग से ही बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है।
बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी चर्चा कर चुके हैं। इसके अलावा जयपुर शहर के विधायक भी जिला अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक वर्ग कोई प्रतिनिधित्व देने की पक्ष में बताए जाते हैं।
हालांकि मुस्लिम वर्ग से जयपुर जिलाध्यक्ष पद पर किसकी नियुक्ति होगी यह तो अभी तय नहीं है लेकिन तकरीबन आधा दर्जन मुस्लिम नेताओं के नाम इस पद के लिए चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो मुस्लिम वर्ग में पार्टी के प्रति बढ़ती नाराजगी के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
जयपुर सहित 10 जिलों की कमान अल्पसंख्यक वर्ग को देने की चर्चा
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो मुस्लिम वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए कई जिलों में जिलाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर मुस्लिम नेताओं को प्रतिनिधित्व देकर उनकी नाराजगी को दूर करने पर मंथन चल रहा है। बताया जाता है कि जयपुर शहर, जोधपुर, नागौर, चूरू, धौलपुर, सीकर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, टोंक जैसे जिलों में जिलाध्यक्ष पद पर मु्स्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा चल रही है।
जयपुर में पहले भी रहे मुस्लिम जिलाध्यक्ष
वहीं जयपुर शहर कांग्रेस की बात करें तो जयपुर शहर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद की कमान पहले भी मुस्लिम नेताओं के हाथों में रही है। सईद गुडएज, शाह इकरामुद्दीन और सलीम कागजी जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
ओवैसी का साइड इफेक्ट
सूत्रों की माने तो हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के भी राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें जोरों पर हैं। बंगाल चुनाव के बाद राजस्थान में ओवैसी के दौरे शुरू हो जाएंगे।
कांग्रेस से नाराज मुस्लिम संगठन और नेता भी एमआईएम के नेताओं के संपर्क में हैं, जिससे कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ी हुई है, कांग्रेस नेताओं को डर है कि अगर ओवैसी राजस्थान में आते हैं तो मुस्लिम वोट कांग्रेस से छिटक सकता है यही कारण है कि पार्टी और सरकार लगातार अब अल्पसंख्यक मामलों को लेकर सक्रिय है। सत्ता और संगठन की ओर से लगातार मुस्लिम नेताओं को बुलाकर उनके गिले शिकवे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।