scriptअदालतों में लंबित मुकदमों को लोक अदालत में निपटाने के लिए करें तैयारी | Prepare for disposal of pending cases in courts in Lok Adalat | Patrika News

अदालतों में लंबित मुकदमों को लोक अदालत में निपटाने के लिए करें तैयारी

locationजयपुरPublished: Dec 03, 2021 05:59:21 pm

Submitted by:

rahul

जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालयों में चल रहे मुकदमों को 11 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में सहमति के आधार पर निस्तारण के लिए विशेष तैयारी करें। उन्होंने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था में लोक अदालत एक बेहतरीन नवाचार है। विभागाध्यक्षों को लोक अदालत की भावना को मजबूत और सफल बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए, ताकि पीड़ितों को न्याय सुलभ हो सके।

जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालयों में चल रहे मुकदमों को 11 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में सहमति के आधार पर निस्तारण के लिए विशेष तैयारी करें। उन्होंने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था में लोक अदालत एक बेहतरीन नवाचार है। विभागाध्यक्षों को लोक अदालत की भावना को मजबूत और सफल बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए, ताकि पीड़ितों को न्याय सुलभ हो सके।
आर्य आज सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) के प्राधिकारियों तथा विभागों के सचिवों अथवा विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को इसके लिए समस्त तैयारियां करनी चाहिए, ताकि अधिकाधिक संख्या में मामले निस्तारित हो सकें। कई बार छोटे-छोेटे मामले वर्षों तक लंबित रहते हैं। लोक अदालत सरकार के साथ कार्मिकों-अधिकारियों और आमजन को न्यायालयों में लंबित मुकदमों की संख्या घटाने का यह अच्छा अवसर देती हैं।
मुख्य सचिव आर्य ने निर्देश दिए कि सभी विभाग समय रहते लोक अदालत के दौरान निपटाए जा सकने वाले सभी मामलों को चिन्हित करें और उनकी सूचियां प्राधिकरण के साथ साझा करें। साथ ही, विभागीय प्रमुख अपने यहां राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर अदालती मामलों के प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक कर समझौते के माध्यम से निपटाए जाने योग्य प्रकरणों पर आवश्यक विचार विमर्श कर लें। उन्होंने कहा कि नोडल और प्रभारी अधिकारियों को समझौते के योग्य मामलों को निपटाने के लिए यथोचित प्राधिकार भी दिए जाएं। इस विषय में मुख्य सचिव के स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
आर्य ने कहा कि सभी विभागों के संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय लोक अदालत से पहले आयोजित किए जा रहे काउंसलिंग सत्रों में भी अधिकाधिक भागीदारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज, स्कूल शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, श्रम एवं रोजगार, वन, कृषि, राजस्व तथा ऊर्जा सहित ऎसे सभी विभाग इस विषय पर गंभीरता से तैयारी करें, जिनमें अदालतों में मुकदमों की संख्या अधिक है।
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