इस बीच जेडीए सचिव एच.गुईटे के निर्देशन में मंगलवार को संबंधित अधिकारियों के बीच मंथन होगा। इसमें जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। संबंधित अभियंताओं को संसाधन जुटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 8125 वर्गमीटर सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से इमारतों का निर्माण कर रखा है। इसमें हॉस्टल की चार इमारतें शामिल हैं। जेडीए इसके अलावा भी अतिक्रमण की गई भूमि को तलाशने में जुटा है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवम्बर तक का समय दिया है।
16 तक कार्रवाई नहीं – जेडीए अधिकारियों का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को १६ नवम्बर तक का समय दिया है, जिससे वे इमारत को खाली कर सकें। इसलिए जेडीए इसके बाद ही कार्रवाई करेगा।
नोटिस के बाद भी हलचल नहीं – जेडीए यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस थमा चुका है। नोटिस में अवैध निर्माण तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं करने पर जेडीए द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने और खर्चा वसूलने के लिए कहा गया है। जेडीए अधिकारियों के मुताबिक नोटिस के बाद भी मौके पर हलचल नहीं है। इसके बाद हॉस्टल खाली करने का वक्त नहीं दिया जाएगा।
जेडीसी ने मंशा जताई थी कि संभव हो तो उनके लौटने से पहले निर्माण हटा दिया जाए। उसी आधार पर प्लानिंग कर रहे हैं। मंगलवार को मीटिंग भी है, जिसमें तिथि तय करेंगे। -ओ.पी. बुनकर, अतिरिक्त आयुक्त, जेडीए
अवैध इमारतों को विस्फोटक से ध्वस्त करने पर विचार चल रहा है। वहां इस प्रक्रिया की उपयोगिता का पता किया जा रहा है। संबंधित विशेषज्ञों से सम्पर्क में हैं। अंतिम निर्णय हिना बाकी है, पर 20 नवंबर से पहले कार्रवाई होगी।
-राहुल जैन, पुलिस अधीक्षक, जेडीए