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विदेशी विश्वविद्यालयों के एजेंट MBBS विद्यार्थियों पर बना रहे दबाव, वापस जाओ नहीं तो खराब होगा साल

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2020 09:39:02 am

Submitted by:

santosh

एमबीबीएस कराने वाले कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों के ऐजेंटों ने कोरोना वायरस के भय को दरनकिनार कर भारतीय विद्यार्थियों पर वापस जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

MBBS Course

MBBS Course

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। एमबीबीएस कराने वाले कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों के ऐजेंटों ने कोरोना वायरस के भय को दरनकिनार कर भारतीय विद्यार्थियों पर वापस जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जबकि कोरोना वायरस के इस समय भयंकर रूप को देखते हुए विद्यार्थी और अभिभावक घबरा रहे हैं।

ये विद्यार्थी केन्द्र सरकार के वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से वापस अपने देश लौट आए थे। वापस जाने का दबाव बनाए जाने संबंधी शिकायतों को लेकर कई विद्यार्थियों ने लिखित बयान राजस्थान पत्रिका को भेजे हैं। दरअसल, भारत से प्रतिवर्ष काफी तादाद में एमबीबीएस करने स्टूडेंट अन्य देशों में जाते हैं। इसके लिए भारत में जगह जगह कई कंसलटेंसी कार्य कर रही हैं, लेकिन कुछ देशों के विवि ने इस तरह के दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

इस तरह का भय दिखाकर बना रहे दबाव:
विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें मेल कर कहा गया कि यदि आप भारत से वापस ऑफलाइन पढ़ाई करने नहीं आओगे, तो एक साल खराब हो जाएगा। इस मजबूरी में बच्चे और अभिभावकों को नहीं चाहते हुए भी वह औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ रही है जो वे चाहते हैं।

विधायकों ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र:
इन विद्यार्थियों ने राजस्थान के कुछ विधायकों से शिकायत भी की है। इसके बाद कुछ विधायकों ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर उक्त मामले में हस्तक्षेप कर अभिभावकों व विद्यार्थियों की परेशानी को दूर करने की मांग भी की है।

इसकी जांच बेहद जरूरी..
विशेषज्ञों के अनुसार विदेशों से एमबीबीएस कराने के लिए बड़ी संख्या में एजेंट काम करते हैं, लेकिन इस समय दो तीन देशों के कुछ विवि से एमबीबीएस के लिए भारत से विद्यार्थी भेजने वाले कुछ ऐजेंट विद्यार्थियों पर दबाव बना रहे हैं, जिससे कि उनका विवि से कमीशन आता रहे।

पत्रिका को पत्र भेजकर इस तरह बताई पीड़ा

तृतीय वर्ष एमबीबीएस विद्यार्थी

कोरोना काल में घर पर सुरक्षित महसूस:
कर रहा था, इतने में सूचना आई कि हमें वापस जाना पड़ेगा। पंजीकरण करवाकर जार्जिया में होटल में क्वॉरंटीन रहना होगा। स्वास्थ्य बीमा करवाना होगा, जो काफी महंगा होगा। चार्टेड विमान से जाना होगा। जिस होटल में हमें रखा जाएगा, उसमें कोरोना पॉजिटिव को भी रखा जाएगा।

तृतीय वर्ष विद्यार्थी:
वैश्विक महामारी भारत सहित यूरोपियन देशों में ज्यादा फैल रही है। इसको देखते हुए सामान्य स्थिति होने तक ऑनलाइन अध्ययन के लिए भारत सरकार हस्तक्षेप करे।

जॉर्जिया के विवि का विद्यार्थी:
भारी मात्रा में कोरोना संक्रमण के कारण जॉर्जिया की अधिकतर मेडिकल व अन्य संस्थाएं बंद हैं, जो कि वहां के नागरिकों के लिए एक चिंताजनक है। क्या ऐसे हालातों में जार्जिया की सरकार भारतीय विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने और उनकी जिम्मेदारी उठाने के लिए सक्षम है। ऑनलाइन कक्षाओं से यह समस्या दूर की जा सकती है।

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