क्या है स्वयं सहायता समूह—
प्रत्येक जिले में 5 से 10 महिलाओं के समूह बनें हुए है। ये समूह सरकार की विभिन्न योजनाओं में अपनी भूमिका निभा रहे है। चाहे योजनाओें का प्रचार हो या फिर पोषाहार बनाने और उनके वितरण की जिम्मेदारी हो। विभाग की मर्जी से कॉन्ट्रेक्ट बेस पर इन समूहों की महिला प्रतिनिधी ही पोषाहार बनाने की जिम्मेदारी निभा रही है। इस एवज में विभाग की ओर से इन्हें पोषाहार बनाने का भुगतान किया जाता है।
प्रत्येक जिले में 5 से 10 महिलाओं के समूह बनें हुए है। ये समूह सरकार की विभिन्न योजनाओं में अपनी भूमिका निभा रहे है। चाहे योजनाओें का प्रचार हो या फिर पोषाहार बनाने और उनके वितरण की जिम्मेदारी हो। विभाग की मर्जी से कॉन्ट्रेक्ट बेस पर इन समूहों की महिला प्रतिनिधी ही पोषाहार बनाने की जिम्मेदारी निभा रही है। इस एवज में विभाग की ओर से इन्हें पोषाहार बनाने का भुगतान किया जाता है।