किसानों की अपनी आशंकाएं
गहलोत ने कहा कि अन्नदाताओं की अपनी आशंकाएं हैं, वो चिंतित हैं कि अपने खुद के लिए, अपने परिवार के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए। गहलोत ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री खुद गौर करेंगे। ये कोई प्रेस्टीज पॉइन्ट नहीं होना चाहिए। ये तो लोकतंत्र है, लोकतंत्र में कई बार अगर आप फैसला बदलते भी हो, तो लोग उसका भी वेलकम करते हैं।
न्यायिक जांच होनी चाहिए
किसान आंदोलन को कुचलने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि अब ये तो जांच का विषय है कि क्या स्थिति बनी और किस कारण से ये सब घटनाएं हुईं। इसके लिए ज्यूडीशियरी की इन्क्वायरी क्यों नहीं बैठाई जा रही है? ऐसी क्या स्थिति बन गई कि कुछ लोग आकर लाल किले तक पहुंच गए वहां पर? ये जांच का विषय है, गहलोत ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।
अविश्वास की स्थिति बन चुकी
्गहलोत ने किसानों के बीच में घुस कर कुछ लोगों की ओर से की गई मारपीट और तोड़फोड़ की कोशिश से जुड़े सवाल पर कहा कि ये जो कुछ भी हरकतें हो रही हैं इसमें बीजेपी का नाम आ रहा है, बीजेपी के इशारे पर हो रहा है। गहलोत ने कहा कि स्थितियां ऐसी बन चुकी है, अविश्वास इतना पैदा हो चुका है कि आपस में भिड़ने की जरूरत नहीं थी। ये काम पुलिस का है, सरकार का है। गहलोत ने कहा कि इस टकराव पर कहा कि यह अच्छी बात नहीं है।