रीसर्जेंट राजस्थान: 3.38 लाख करोड़ की आस, आए 19 हजार करोड़ 2015 में हुआ रीसर्जेंट राजस्थान सरकार के लिए कड़वे अनुभव देकर गया। सम्मेलन में 3.38 लाख करोड़ रुपए के 470 एमओयू किए गए। लेकिन पांच साल बाद भी जनवरी 2020 तक सिर्फ 19 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव ही जमीन पर उतर पाए। ये सभी एमएमयू आयोजन अवधि में ही हुए। इसीलिए सरकार अब एमओयू से जमीन देने तक की तैयारीे जिलों में पहले से ही कराने की योजना बना रही है, जिससे गंभीर निवेशक ही सामने आएं।
दस एजेंसियों की समिति सिरे चढ़ाएगी समिट इन्वेस्ट राजस्थान समिट के लिए दस विभिन्न विभागों की समन्वय समिति बनाई जा रही है। इसके लिए हर विभाग के नोडल अधिकारी तय कर दिए गए हैं। अनौपचारिक तौर पर सभी नोडल अधिकारियों की बैठक भी हो गई, जहां संबंधित विभागों की जिम्मेदारियों पर चर्चा हुई। इसके अलावा समग्र तौर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पूरे आयोजन की मॉनिटरिंग के लिए स्टियरिंग कमेटी भी बनेगी। जल्द इसके औपचारिक आदेश जारी होंगे। इन विभागों में उद्योग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन, पर्यटन, सामान्य प्रशासन, नगरीय विकास, गृह, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा जेडीए, जयपुर के हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम शामिल हैं।