scriptस्कूल खुलने से पहले शिक्षकों में खलबली | Prior to the opening of school teachers turmoil | Patrika News

स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों में खलबली

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2015 11:57:00 pm

Submitted by:

इस बार ग्रीष्मावकाश पूरा होने से पहले ही शिक्षकों में
खलबली मची हुई है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी किए जा रहे नए
आदेशों ने शिक्षकों की नींद उड़ा रखी है।


इस बार ग्रीष्मावकाश पूरा होने से पहले ही शिक्षकों में खलबली मची हुई है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी किए जा रहे नए आदेशों ने शिक्षकों की नींद उड़ा रखी है।
वहीं तबादलों का डर भी सता रहा है। पद निर्धारण के मापदण्ड, प्रवेश के लक्ष्य, परिणाम की समीक्षा के बाद कार्रवाई आदि से जुड़े आदेशों ने हलचल बढ़ा रखी है। इसके अलावा शिक्षकों को 26 जून से बदले समय पर भी स्कूल जाना होगा।
शिक्षा विभाग में नया आदेश स्टाफिंग पैटर्न को लेकर आया है। इसमें जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में स्टाफ की संख्या तय कर दी गई है।
शिक्षा विभाग ने वेबसाइट पर किस स्कूल में कितने और किस श्रेणी के कर्मचारी होंगे, इसकी सूची डाल दी है।
इनमें प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक, प्रयोगशाला सहायक, शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष, कार्यालय सहायक, वरिष्ठ व कनिष्ठ लिपिक, प्रयोगशाला सेवक, जमादार व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद की संख्या अंकित है।
इस सूची से आमजन अपने इलाके की स्कूल में स्वीकृत पदों की स्थिति पता लगा सकता है।
जिले में रामकरण जोशी स्कूल में सर्वाधिक 67 पद स्वीकृत हुए हैं।
इसके अलावा बांदीकुई के राजकीय.उ.मा. विद्यालय में 52, महुवा में 50, सिकराय 42, लालसोट 57, छारेड़ा 51, नांगल राजावतान 48 व रेलवे स्कूल दौसा में 46 पद स्वीकृत किए गए हैं।
आनन्द शर्माबालिका स्कूल में 40, महुवा बालिका स्कूल में 36 व बांदीकुई बालिका रा.उ.मा. विद्यालय में 29 जनों का स्टाफ रहेगा। आदर्श स्कूलों व माध्यमिक स्कूलों में भी राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार पद स्वीकृत किए गए हैं।
नामांकनों की चिंता
सूत्रों ने बताया कि अब प्रवेशोत्सव के प्रथम दौर से चार गुना अधिक लक्ष्य प्रवेशोत्सव के दूसरे दौर में शिक्षकों को दिया जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक शिक्षक को 20 विद्यार्थियों का नामांकन कराना होगा।
ऐसे में शिक्षक चिंतित हैं कि प्रवेश के लिए बच्चे कैसे जुटाए जाएंगे। साथ ही प्रवेशित बच्चों के स्कूल में ठहराव की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की ही रहेगी।
ऐसे में अब शिक्षकों को घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजने की गुहार करनी पड़ सकती है। इसके अलावा आठवीं, दसवीं व बारहवीं कक्षा में न्यून परीक्षा परिणाम के दायरे में आने वाले शिक्षकों को भी विभागीय कार्रवाई का डर है।
वरिष्ठ हटेंगे या कनिष्ठ
शिक्षा विभाग में समानीकरण को लेकर कई माह से कसरत चल रही है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि स्कूलों में पद टूटने पर किसे हटाएंगे।
जानकारी के अनुसार कक्षा एक से बारह तक की स्कूल में न्यूनतम 14 व कक्षा एक से दस तक में न्यूनतम 12 शिक्षक रखे जाएंगे।
वहीं अधिशेष रहने वाले शिक्षकों को खाली पदों पर भेजा जाएगा। मामला यह अटक रहा है कि अधिशेष होने पर वरिष्ठ शिक्षकों को हटाया जाएगा कि कनिष्ठ शिक्षकों को।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो