कृषि के लिए कैदियों को दिया प्रशिक्षण
अब चार एकड़ भूमि में खेती कर रहे कैदी उम्रकैद काट रहे कई बंदी खेती व पशु-पक्षियों के पालन में लगे हैं। जेल में 25 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती के माध्यम से 69 किस्मों की बहु-फसल खेती शुरू की गई। यह किसी भी जेल में अपनी तरह की नई पहल थी। अब खेती की जमीन 4 एकड़ हो गई है।
कभी अपराधी रहे अब पौधों के पालक
23 साल से अधिक समय से जेल में बंद मणिकंडन कभी खूंखार अपराधी थे अब वे हर सुबह पौधों के लिए जागते हैं। खेती में अपना समय देते हैं। इससे उनकी मानसिकता में बहुत बड़ा बदलाव आया है। यही नहीं वे पत्राचार से बीबीए भी कर चुके हैं। वहीं करीब 23 साल से बंद करुणा को भी अक्सर खेत में जानवरों के साथ समय बिताते हुए देखा जाता है।
खेती से कमाई का उपयोग बच्चों पर
खेती से होने वाली आय का उपयोग कैदियों के बच्चों की शिक्षा कौशल विकास के लिए किया जा रहा है। जेल में बंद 80 कैदियों में से अधिकांश सक्रिय रूप से किसी न किसी गतिविधि में शामिल हैं। लगभग 20 अपराधी अब प्राकृतिक खेती में कुशल हो चुके हैं।
जेल प्रशासन ने कैदियों को बाकायदा प्रशिक्षण दिया है। खेती के लिए उपकरण, सिंचाई प्रणाली और बीज जैसे संसाधन दिए हैं। जेल में पशु फार्म प्राकृतिक खेती में सहायता करता है, सामुदायिक जीवन के प्रति कैदियों में सामाजिक और भावनात्मक दृष्टिकोण बनाने में भी मदद करता है।