राजस्थान बस आॅपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन ने कहा कि राज्य सरकार बसों का संचालन पूरी यात्री क्षमता के अनुसार करने के आदेश दे रही है। जबकि अन्य राज्यों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के चलते कुल यात्रीभार से पचास फीसदी यात्री ही ले जाने का नियम तय किया गया है। ऐसे में बस आॅपरेटर्स के सामने दुविधा की स्थिति बन रही है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बस आॅपरेटर्स की मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दी लेकिन परिवहन अधिकारी मामला वित्त विभाग से होने का हवाला देकर टैक्स माफी का आदेश जारी करने में टालमटोल कर रहे हैं। ऐसे में बस आॅपरेटर्स के सामने आरसी सरेंडर करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है लेकिन परिवहन विभाग मोटर व्हीकल एक्ट में नियम होने के बावजूद आरसी सरेंडर करने के आदेश भी जारी नहीं कर रहा है।