दरअसल, निजी महाविद्यालय नीति के परिशिष्ट 2 के अनुसार छात्र सुविधाओं का विवरण प्रत्येक कॉलेज से मांगा गया है। इसमें शौचालयों की सफाई का विवरण प्रतिदिन, साप्ताहिक और मासिक देना होगा। पानी की टंकी की सफाई का विवरण मासिक और द्विमासिक देना है। टंकी पर सफाई की तिथि भी अंकित करनी है। साथ ही विशेष विवरण भी देना होगा। शौचालयों में सेनेटरी पैड, वेंडिंग मशीन और इंसीनेटर की व्यवस्था की भी जानकारी मांगी है। छात्र संख्या के आधार पर शौचालयों, यूरिनल्स और पेयजल के संबंधित जानकारी भी मांगी है।
यह है मामला
प्रदेशभर के निजी कॉलेजों में पेयजल और शौचालय से संबंधित सुविधाओं के संबंध में आए दिन कॉलेज शिक्षा विभाग को शिकायत मिलती है। इतना ही नहीं यह मामला उच्च न्यायालय तक भी पहुंच गया। इस पर उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सभी निजी कॉलेजों विशेषकर महिला महाविद्यालयों में छात्राओं की सुविधाओं की उपलब्धता, साफ सफाई और पेयजल सुविधाओं की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।