उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की ओर से मनमानी वसूली को छूट नहीं दे सकते हैं। सरकार की ओर से तय की गई निर्धारित राशि के आधार पर ही निजी चिकित्सालयों को चिकित्सा सुविधाएं देनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ सरकार को मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
रघु शर्मा ने कहा कि सरकार किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी। किसी भी निजी चिकित्सालय को कोई परेशानी है तो वे सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। फीस संबंधी मामलों पर चर्चा के लिए निजी अस्पतालों से बैठक भी की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी राजकीय या निजी चिकित्सालयों में कोरोना का सही उपचार की कमी महसूस होने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियन्त्रण कक्ष के 0141-2225624 दूरभाष नंबर पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। शिकायतों के शीघ्र समाधान के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जाकर प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाएगी।
राजस्थान के निजी अस्पतालों ने कोरोना के इलाज की दरें तय करने का विरोध किया है। निजी अस्पताल संचालकों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार की ओर से तय की गई कीमत में इलाज कर पाना मुश्किल है। सरकार ने कीमतें तय करने से पहले हमसे किसी प्रकार की राय नहीं ली।
राजस्थान सरकार ने हाल ही में निजी अस्पतालों में कोरोना की जांच और इलाज की अधिकतम दरें तय की थी। इसके तहत प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रुपए प्रति जांच और अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रुपए प्रतिदिन और वेंटीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रुपए प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे।