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निजी स्कूलों का महाकुंभ, बड़ी संख्या में इकट्ठे हो किया शक्ति प्रदर्शन

locationजयपुरPublished: Sep 06, 2018 08:08:44 pm

Submitted by:

Jaya Gupta

– विद्याधर नगर स्टेडियम में इकट्ठे हुए प्रदेश के निजी स्कूलों के संचालक, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के खिलाफ की नारेबाजी

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निजी स्कूलों का महाकुंभ, बड़ी संख्या में इकट्ठे हो किया शक्ति प्रदर्शन

जयपुर। राजधानी स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम में गुरुवार को प्रदेश के निजी स्कूलों के संचालक, शिक्षक में इकट्ठे हुए। संचालकों ने हजारों की तादाद में एकत्रित होकर शक्ति प्रदर्शन किया। स्कूल संचालकों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को खुले रूप से चेतावनी दी है। स्कूल शिक्षा परिवार के बैनर तले हुए इस शक्ति प्रदर्शन में सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती है तो इसका खामियाजा अगले विधानसभा चुनावों में भगुतना पड़ेगा। कार्यक्रम के दौरान कई बार शिक्षा राज्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई।
स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि सरकारी स्कूलों की तरह ही निजी स्कूलों के हित में भी सरकार को फैसले लेने चाहिए। जिस तरह सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए मिड डे मिल, साइकिल, स्कूटी, लैपटॉप जैसी सुविधाएं दी जा रही है, उसी तरह निजी स्कूलों के बच्चों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में पढऩे वाले सभी बच्चे अमीर परिवारों से नहीं होते। ज्यादातर निजी स्कूलों में मध्यम वर्गीय बच्चे और गरीब बच्चे पढ़ रहे है। ऐसे में सरकार को इन निजी स्कूलों की मदद करने के साथ ही इन बच्चों और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी सुविधाएं देनी चाहिए। सभा स्थल पर पहुंचे परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कहा कि निजी स्कूल संचालकों की मांग को लेकर सब कमेटी का गठन कर दिया गया है। जिसमें उनके अलावा मंत्री अरुण चतुर्वेदी और मंत्री वासुदेव देवनानी हैं। जल्द ही बैठक कर निजी स्कूल संचालकों की जो उचित मांगों पर विचार किया जाएगा।
बंद रहे निजी स्कूल
एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से आह्वान किए गए भारत बंद के दौरान राजधानी के अधिकांश निजी स्कूल बंद रहे। कुछ स्कूलों ने एक दिन पहले ही बच्चों के परिजनों को एसएमएस भेज कर छुट्टी के बारे में सूचित कर दिया था। जबकि कुछ स्कूलों को बच्चे गुरुवार सुबह स्कूल पहुंच गए तो स्कूल प्रशासन ने छुट्टी की सूचना देकर वापस लौटाया। जिन स्कूलों ने छुट्टी नहीं की थी, उनकी ऑटो-टैक्सियां बच्चों को लेने नहीं पहुंचे। अवकाश केवल निजी स्कूलों में ही रहा। सरकारी स्कूल रोजाना की तरह खुले रहे।
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