निजी सिक्योरिटी एजेंसियों में भी ‘सरकारी कोटा’
लेने होंगे 25 प्रतिशत होमगार्ड के जवान
राजस्थान सरकार सरकार करने जा रही है नियमों में संशोधन
सरकार चुनाव से पहले नियमों में कर सकती है संशोधन
राज्य सरकार विधान सभा चुनाव से पहले
रोजगार के बहाने युवाओं को रिझाने के पूरे प्रयास कर रही है। सरकार अब निजी सुरक्षा एजेंसियों में सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में भी सरकारी
कोटा तय करने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की माने तो अब निजी सिक्योरिटी एजेंसियों में 25 प्रतिशत कोटा होमगार्ड के जवानों का तय करने की तैयारी कर रही है। इस संबध में मंगलवार को गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गृह विभाग के प्रमुख सचिव, डीजी होमगार्ड समेत पुलिस के उच्च अधिकारी मौजूद थे।
बैठक से जुडे सूत्रों का कहना है कि सरकार चुनावी साल में युवाओं को रोजगार देने के लिए नए नए प्रावधान करने की तैयारी कर रही है। अब सरकार की निगाह प्रदेश में संचालित 900 निजी सिक्योरिटी गार्ड एजेंसियों पर है। सरकार की मंशा है कि निजी सिक्योरिटी एजेंसियां भर्ती में 25 प्रतिशत होमगार्ड की भी भर्ती करे। इसके लिए सरकार नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। वहीं बैठक में यह भी मुददा उठा कि अब भी कई निजी सुरक्षा एजेंसियों में होमगार्ड के जवान
काम कर रहे है। लेकिन निजी सुरक्षा एजेंसी संचालक उनको न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से वेतन नहीं दे रहे है। ऐसे में निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों को श्रम कानूनों के दायरों में लाने की तैयारी भी की जा रही है।
असल में सरकार चाहती है कि चुनावी साल में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा कर प्रदेश के युवाओं को आकर्षित किया जाए। वहीं सरकार स्किल डवलपमेंट के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार देने का दावा पहले से ही कर रही है। वहीं अगर निजी सिक्योरिटी एजेंसियों में अगर सरकारी कोटा तय होता है तो यह ऐसा पहला मामला होगा। इससे पहले सरकार निजी कंपनियों में एसटी—एससी के युवाओं केा नौकरी देने पर रियायतें देने की बात कह कह चुकी है।